जयपुर @ जागरूक जनता। विकसित भारत निर्माण के संकल्प के साथ 14 अप्रैल -2025 को बिडला आडिटोरियम में संम्पन होगी।

प्राचीन भारतवर्ष का अतीत गौरवशाली एव विकसित रहा है| वैदिक कालीन भारत विभिन्न क्षेत्रो में विकसित, आत्मनिर्भर व संपन्न था | इसी कारण भारत को विश्वगुरु व सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था l
“एक सोच की कहानी बनेगी ,
एक धुन जो रवानी बनेगी l
विकसित होगा जब भारत ,
सभी भारतीयों की जिंदगानी बनेगी l
21 वीं सदी के अमृतकाल में अब भारत पुनः यस्वस्वी तपस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में विकसित व आत्मनिभर होने के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है l शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा, संस्कार, सुरक्षा, स्वावलंबन, सहयोग, समन्वय, संकल्प आदी के द्वारा आगामी 25 वर्षो में विकसित होकर विश्व पटल पर पुनः विश्व गुरु के रूप में भारत आसीन होगाl इन्ही संकल्पों कों पूर्ण करने हेतु विकसित भारत संकल्प संस्थान संकल्पित होकर अपने परोपकार व सेवा के कार्यों को जनभागिता से पूर्ण करने के प्रयास कर रहा है।
“भारतीय बुनियादी स्त्रोत बनते रहे
कल – कल कौशल शिक्षा से पूर्ण l
राष्ट्र विकास में नित – रहे
भारतीय यही नीति सम्पूर्ण l”
विकसित भारत संकल्प संस्थान जयपुर एक परमार्थी न्यास के रूम में पंजीकृत न्यास है l जो मानव कल्याण, सेवा व राष्ट्र विकास को समर्पित संस्था है l विकसित भारत संकल्प संस्थान की अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी 14 अप्रैल 2025 को ‘’विकसित भारत निर्माण संकल्प” के साथ संपन्न होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमृतकाल के आव्हान एवं आगामी 25 वर्षों में राष्ट्र को विकसित व आत्मनिर्भर बनाकर विश्व पटल पर विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में भारत का स्थान स्थापित करने का उद्देश्य लेकर संस्था अपने सेवा कार्य कर रही है व संकल्पित है l इसी क्रम में 14 अप्रैल 2025 को जयपुर स्थित ‘’बिरला ऑडिटोरियम’’ में विकसित भारत संकल्प संस्थान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी ‘’विकसित भारत के निर्माण में हमारी भूमिका’’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी का भव्य आयोजन रखा गया है l जिसमें विश्व भर के अनेक देशों एवं भारत के सभी राज्यों से समाजसेवी, राष्ट्रभक्त, शिक्षाविद, लेखक, सेवाभावी समर्पित राष्ट्र भक्तों को आमंत्रित किया गया है l जो अपने अमूल्य विचारों से हमें उत्साहित करेंगे और विकसित भारत का सपना पूर्ण हो सकेगा। आज भारत माता की प्रखर प्रतिभाएं देश ही नहीं बल्कि विश्व में भारत माता के भाल को नित नवीन प्रतिभा स्थापित कर गौरवान्वित कर रही है।
संस्था का लक्ष्य है कि भारत में तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय के समक्ष विश्वविद्यालय स्थापित किया जाए जो शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, उद्योग, व्यापार, विज्ञान, रक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान, रोजगार पूर्ण कौशल, स्थानीय तकनीकी विकास, वेद, दर्शन, व्याकरण, गणित, खगोल विज्ञान, आयुर्वेद आदि क्षेत्रों में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान कर भारत के प्राचीन गौरव को विश्व गुरु के रूप में पुनः स्थापित कर सके l
भारत जैसी घनी आबादी और विविधता वाले देश के लिए एवं भविष्य के तीव्र विकास के लिए विकसित और आत्मनिर्भर भारत का होना आधुनिक समय में मौलिक व बुनियादी आवश्यकता है।
इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में राज्यपाल व संस्था के संस्थापक डॉ. महेश शर्मा के साथ गणमान्य सज्जन संबोधित करेंगे। विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत से आशय है – कि हमारे देश को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित व आत्मनिर्भर बनाना है l भारत को अपने ही देश में प्रत्येक वस्तु का निर्माण करना होगा। स्थानीय व प्राक्रतिक संसाधनों के उत्तम प्रयोग, उपयोग, उत्पादन कौशल के विकास पर संस्था कार्य करेगी एवं अधिक से अधिक कौशल आधरित कार्यों को पूर्ण किया जायेगा. जिससे युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो सके और प्रति व्यक्ति आय के स्त्रोत में बढ़ावा मिले l भारतीय प्रतिभाएं भारत में रहकर अपने राष्ट्र का विकास कर भारत माता कों संपन्न व सुन्दर बनाएं। भविष्य में ऐसे 400 के लगभग कार्यक्रम विश्व के कोने- कोने में कर भारत को विकसित व समृद्धशाली बनाने के प्रयास किये जायेंगे।
प्रेस वार्ता में संस्थान के सतीश तिवारी, सुमित खंडेलवाल, मोहित गौतम, नीतिराज सिंह चौहान, अतुल शर्मा, बृजेन्द्र शर्मा, प्रशांत, बृजकिशोर फौजी, कार्तिकेय दुबे, विद्याधर बुढानिया, अजय शर्मा आदि उपस्थित रहे।