Interim Budget 2024: अंतरिम बजट क्या होता है, क्यों पेश करती है सरकार, जानिए सारी जानकारी


Interim Budget 2024: भारत में बजट मुख्य तौर पर तीन श्रेणियों के अंतर्गत आता है जिसमें संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट शामिल हैं।

नई दिल्ली. जैसा कि हम जानते हैं कि केंद्र सरकार जल्द ही बजट पेश करने के लिए तैयारी भी पूरी कर ली है। मगर इस बार का बजट अंतरिम बजट होगा, क्योंकि इस साल में आम चुनाव होने वाले हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये अंतरिम बजट क्या होता है और यह आम बजट से अलग कैसे होता है। अगर आप भी इस उधेड़बुन में रहते है तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। इसमें हम आपके सारे सवालों का विस्तार से जवाब देंगे। हम आपको बताएंगे कि अंतरिम और आम बजट में क्या फर्क होता है और इस बार बजट कब और किसके द्वारा पेश किया जाएगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

कितने प्रकार का होता है बजट
अंतरिम बजट क्या होता है, ये जानने से पहले ये जान लिजिए कि बजट कितने प्रकार का होता है। भारत में बजट मुख्य तौर पर तीन श्रेणियों के अंतर्गत आता है जिसमें संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट शामिल हैं। बजट का वर्गीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार द्वारा वर्ष भर में अनुमानित खर्च अनुमानित प्राप्तियों के बराबर है, उससे कम है या अधिक है।

कब पेश होगा बजट
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को सुबह 11:00 बजे संसद में अंतरिम बजट 2024-2025 पेश करेंगी। बता दें कि 2001 में पहली बार सुबह 11 बजे बजट पेश किया गया। वाजपेयी सरकार के आने से पहले शाम को 5 बजे बजट पेश किया जाता था। लेकिन यशवंत सिन्हा ने इस प्रथा को तोड़ते हुए सुबह 11 बजे से बजट पेश करने की परंपरा की शुरुआत की।

क्या होता है अंतरिम बजट
अंतरिम बजट एक अस्थायी वित्तीय बजट है , जो सरकार द्वारा तैयार किया जाता हैं। यह बजट तब तक मान्य होता है, जब तक नई सरकार शासन नहीं संभाल लेती है। जैसा कि हम सभी जानते है कि इस साल देश में आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में ये एक अतरिंम बजट होगा। अंतरिम बजट , सलाना या आम बजट से अलग होता है। इसमें वित्तीय वर्ष के शुरुआती महीनों को कवर करने वाला एक छोटा बजट बनाया है। इस बजट से सरकार अपनी आय और व्यय की रूपरेखा तैयार करता है, जिससे वह चुनाव के बाद नई सरकार के गठन तक खर्चों का आसानी से मैनेज कर सकें।

कब पेश होगा अंतरिम बजट?
ये बजट तब ही पेश किया जाता है, जब सरकार के कार्यकाल का अंतिम समय चल रहा हो और कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हो। यह एक अस्थायी बजट होता है, जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि सरकारी खर्च और संचालन तब तक जारी रहें जब तक कि नई सरकार नहीं बन जाती या चुनाव के बाद पूरा बजट पेश नहीं किया जाता।

वहीं, अगर आम बजट की बात करें तो यह पूरे साल का बजट होता है और पूरे वित्तीय वर्ष को कवर करता है। इसमें राजस्व, व्यय, नीतिगत पहल, आर्थिक अनुमान, कर प्रस्ताव और अन्य वित्तीय खर्चों को जगह दी जाती है। सीधी भाषा में कहे तो आम बजट में सरकार अपने वित्तीय और आर्थिक एजेंडे की रूपरेखा तैयार करती है।


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