भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम पर सहमति, अमरीकी संसद ने किया स्वागत

  • अमरीकी संसद ने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर बनी सहमति को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और उम्मीद जताई की बहुत जल्द ही तनाव कम करने में इससे मदद मिलेगी।
  • संघर्षविराम पर सहमति बनने को लेकर सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ सेना का अभियान थम जाएगा।

वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से लाइन ऑफ कंट्रोल पर तनाव है। इस तनाव के बीच दोनों देशों ने शांति बहाली को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी है। अमरीका ने इस कदम का स्वागत किया है। अमरीकी संसद ने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर बनी सहमति को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और उम्मीद जताई की बहुत जल्द ही तनाव कम करने में इससे मदद मिलेगी।

अमरीकी संसद की विदेशी मामलों की समिति के चेयरमैन सांसद ग्रेगरी मीक्स ने भारता-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनने को अच्छा कदम बताया। व्हाइट हाउस ने भी इसे एक सकारात्मक कदम बताया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह दक्षिण एशिया में शांति और स्थायित्व की स्थिति को स्थापित करने में मददगार साबित होगा।

हिंदू अमरीका फाउंडेशन ने भी भारत-पाकिस्तान के सीमा पर संघर्ष विराम को अच्छा कदम बताया। इस संस्थान ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरी तरह निभाएगा और आतंकी फंडिंग व प्रायोजित आतंकवाद को बंद करेगा।

बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच गुरुवार को लाइन ऑप कंट्रोल पर संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी। इस संबंध में भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य अभियान महानिदेशकों डीजीएमओ के बीच स्‍थापति हॉटलाइन संपर्क व्‍यवस्‍था के जरिए 22 फरवरी को चर्चा हुई थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम लागू करने पर भी सहमति बनी थी। भारत-पाकिस्तान ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा था कि वे अन्य सेक्टरों के लाइन ऑफ कंट्रोल पर सभी समझौते का कड़ाई से पालन करेंगे।

पाकिस्तान से सामान्य पड़ोसी की तरह रिश्ता चाहता है भारत

बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ एक सामान्य पड़ोसी की तरह रिश्ता चाहता है। भारत सभी द्विपक्षीय मुद्दों को शांतिपूर्वक तरीके से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
संघर्षविराम पर सहमति बनने को लेकर सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ सेना का अभियान थम जाएगा। मालूम हो कि इससे पहले 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ था। हालांकि, ये पाकिस्तान की ओर से इसे अमल नहीं किया जा रहा था।

Date:

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

गंगा दशहरे पर अलख पंथ के प्रणेता श्री उदयगिरी जी महाराज की मूर्ति की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा

'देवो भूत्वा देवं यजेत' और 'सुप्रतिष्ठोभव' की वेद ध्वनियों...

विश्व पर्यावरण दिवस पर निकली जन जागरूकता रैली।

भरतपुर हरित बृज सोसायटी एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल के...

Jagruk Janta Hindi News Paper 4 June 2025

Jagruk Janta 4 June 2025Download

UEM जयपुर राजस्थान के छात्रों को उनके ड्रीम जॉब्स दिलाने में बना अग्रणी

संस्थान 100% प्लेसमेंट, ₹72 लाख का पैकेज और अंतरराष्ट्रीय...