जयपुर। राज्य में अस्पतालों, आईसोलेशन सेन्टर्स एवं कोविड केयर सेन्टर्स में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों को अब इन्दिरा रसोईयों से निःशुल्क भोजन मिलेगा। स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि जिला प्रशासन एवं चिकित्सालयों की मांग पर कोविड संक्रमितों को शुद्ध व पौष्टिक भोजन निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
धारीवाल ने इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नगरीय निकायों एवं जिला कलक्टर्स को शक्तियॉं प्रदान की गई हैं, वे आवश्यकतानुसार अस्पताल, आईसोलेशन सेन्टर एवं कोविड केयर सेन्टर में इन्दिरा रसोई का एक्सटेंशन काउन्टर भी खोल सकते हैं ताकि कोविड संक्रमितों के साथ साथ उनके परिजनों एवं अस्पताल के कर्मचारियों को भी इन्दिरा रसोई योजना का लाभ मिल सके।
स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा ने बताया कि यद्यपि इन्दिरा रसोईयों में लाभार्थी का नाम, मोबाईल नम्बर एवं फोटो लेते हुए कूपन देकर सम्मानपूर्वक बैठाकर भोजन कराया जाता है परन्तु कोरोना सक्रमितों को इस सारी प्रक्रिया से मुक्त रखा गया है, साथ ही इन्हें खाना भी निःशुल्क दिया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमितों के परिजन यदि इन्दिरा रसोई में भोजन करते हैं तो उन्हें निर्धारित राशि 8 रुपये प्रति पैकेट एवं थाली का भुगतान करना होगा।
देथा ने बताया कि विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों को दिए जाने वाले भोजन पैकेट्स की मात्रा के सम्बन्ध में सम्बन्धित चिकित्साधिकारी एवं नगरीय निकाय द्वारा आंकलन कर इन्दिरा रसोई संचालकों को बताना होगा कि किस स्थान पर कितने भोजन पैकेट्स की आवश्यकता है। तत्पश्चात नगरीय निकाय द्वारा अपने क्षेत्र की इन्दिरा रसोई में उक्त भोजन पैकेट्स तैयार करवाये जाएंगे। योजनान्तर्गत दानदाताओं द्वारा भी भोजन प्रायोजित कर कोरोना संक्रमितों को उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके लिए दानदाताओं को सम्बन्धित इन्दिरा रसोई में सम्पर्क करना होगा। भोजन प्रायोजित करने पर दानदाताओं को स्वायत्त शासन विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि समस्त इन्दिरा रसोईयों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना गाईडलाईन का कठोरता से पालन किया जाता है।
इन्दिरा रसोई योजना के स्टेट नोडल अधिकारी श्री नरेश गोयल ने बताया कि प्रदेश में 358 स्थायी इन्दिरा रसोईयॉं संचालित हैं जिनमें लाभार्थियों को सम्मानपूर्व बिठाकर भोजन कराया जाता है। योजनान्तर्गत अब तक 2.43 करोड़ व्यक्तियों को शुद्ध व पौष्टिक भोजन कराया जा चुका है। योजना का संचालन प्रत्येक जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिलास्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति द्वारा चयनित 300 से अधिक गैरलाभकारी संस्थाओं एवं एनजीओ के माध्यम से किया जा रहा है।