पाकिस्तान में भारत के दुश्मन चुन-चुनकर मारे जा रहे, मामले पर पहली बार आया मोदी सरकार का बयान


अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकियों की पाकिस्तान में चुन चुनकर हत्या की जा रही है। अब इस मामले पर पहली बार सरकार का बयान सामने आया है।

नई दिल्ली. पिछले कुछ महीनों से भारत के दुश्मनों का बुरा दिन चल रहा है। देश तो छोड़िये विदेश में भी उनका शिकार किया जा रहा है। पाकिस्तान में तो भारत के खिलाफ आग उगलने वाले आतंकियों की सबसे ज्यादा शामत आई हुई है। कुछ महीनों से भीतर ही कई बड़े आतंकी मौत के घाट उतर चुके हैं। अज्ञात गनमैन द्वारा भारत के दुश्मनों के मारे जाने का सिलसिला जारी है। जितने भी टेररिस्ट आर्गेनाईजेशन भारत के खिलाफ गलत मंसूबों को कामयाब करने की फ़िराक में लगे थे, उनके लोगों का खात्मा किया जा रहा है।

भारत सरकार ने क्या रिएक्शन दिया
जिन आतंकियों को पाकिस्तान में अज्ञात गनमैन द्वारा मारा गया, उसका आरोप कई पाकिस्तानी पत्रकारों ने भारत के एजेंसियों पर लगाया। अब इस पूरे मामले को लेकर भारत सरकार का रिएक्शन सामने आया है। आज प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार का इस मुद्दे पर कोई स्टैंड नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की लंबे समय से मांग रही है कि भारत के खिलाफ षड्यन्त्र कर रहे अपराधी यहां के कानूनी सिस्टम का सामना करें।

पाकिस्तान में मारे जा रहे आतंकवादियों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “जो लोग भारत में आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न्याय का सामना करना चाहते हैं, हम चाहेंगे कि वे भारत आएं और हमारी कानूनी प्रणाली का सामना करें लेकिन मैं पाकिस्तान में हो रहे घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं कर सकता।”

आतंकी पन्नू पर क्या बयान दिया
सिख फॉर जस्टिस प्रमुख पन्नू की संसद पर हमला करने की धमकी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “हम धमकियों को गंभीरता से लेते हैं। मैं उन चरमपंथियों की खोज के लिए बहुत अधिक विश्वसनीयता नहीं बढ़ाना चाहता, इससे धमकी देने वालों को बहुत कवरेज मिलती है। हमने अमेरिका और कनाडाई अधिकारियों के सामने इस मामले को रखा है।”

कतर वाले मामले में हो चुकी है दो सुनवाई
अरिंदम बागची ने कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा पर बताया, “इस मामले में 2 सुनवाई हो चुकी हैं। हमने परिवारों की ओर से अपील दायर की थी, और बंदियों की ओर से अंतिम अपील की गई थी। तब से 2 सुनवाई हो चुकी है। हम मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और सभी कानूनी और कांसुलर सहायता प्रदान की जा रही है। इस बीच, हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को जेल में उन सभी 8 लोगों से मिलने के लिए काउंसलर पहुंच मिली। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हम इसका पालन करना जारी रखेंगे और जो कुछ भी हम साझा कर सकते हैं, हम करेंगे।”


Jagruk Janta

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