Chief Justice DY Chandrachud: देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब यह नहीं कि हमेशा सरकार के खिलाफ ही फैसले सुनाए जाएं।
नई दिल्ली. देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब यह नहीं कि हमेशा सरकार के खिलाफ ही फैसले सुनाए जाएं। न्यायिक स्वतंत्रता सिर्फ कार्यपालिका (सरकार) से ही नहीं बल्कि विभिन्न तरह के दबाव व हितबद्ध समूहों के प्रभाव से मुक्त रहना भी है। न्यायालय की भूमिका राजनीतिक विपक्ष की नहीं है। आगामी 10 नवंबर को रिटायर हो रहे सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक मीडिया कार्यक्रम यह विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ नहीं होने से नहीं बनीं महिला जज
अपने करीब दो साल के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त 18 जजों में से एक भी महिला नहीं होने के सवाल पर सीजेआइ ने कहा कि वरिष्ठता क्रम में कोई महिला जज नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। उन्हें इस बात का अफसोस नहीं है क्योंकि वे अनेक कॉलेजियम का हिस्सा रहे हैं जिन्होंने महिला जजों की नियुक्ति की सिफारिश की।
कोटे से नहीं, उत्कृष्टता से बनते हैं जज
उच्च न्यायपालिका में आरक्षण की आवश्यकता के सवाल पर सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में, हमने अधिक विविधता रखने का सचेत निर्णय लिया। उच्च न्यायपालिका में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है लेकिन हमने समाज के अधिक हाशिए वाले वर्गों से जज बनाने के प्रयास किए हैं। एक खास समुदाय से हमने शीर्ष अदालत में एक जज बनाया क्योंकि वे उत्कृष्ट और योग्य न्यायाधीश थे। वे किसी कोटे के तहत नहीं आते थे।