- देश के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थित स्प्रिचुअल रिसर्च सेल को पूरे हुए पांच साल
- “एनलाइटमेंट“ कार्यक्रम में वक्ताओं ने विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहने के लिए भी किया प्रेरित
जयपुर। देश के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थित स्प्रिचुअल रिसर्च सेल (एसआरसी) के पांच साल पूरे हो गए। इस मौके पर “एनलाइटमेंट“ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं ने जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर (जेईसीआरसी) के विद्यार्थियों को मेडिटेशन के माध्यम से खुश रहने के तरीके बताए। साथ ही, उन्होंने तनाव मुक्त रहने के लिए भी प्रेरित किया।
जेईसीआरसी के वाइस चेयरपर्सन अर्पित अग्रवाल ने बताया कि विद्यार्थी जीवन से ही मेडिटेशन सीखने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के जीवन को एक नई दिशा भी प्रदान करते हैं।
एसआरसी के को-ऑर्डिनेटर मुकेश अग्रवाल और चित्रा ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम में पांच वक्ताओं ने अपने अनुभव को साझा करते हुए विद्यार्थियों को मेडिटेशन के माध्यम से खुश रहने के तरीके बताए। इसमें पहले दिन डायनेमिक ट्रेनर और कांउसलर बीके ईवी गिरीश ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि हम जितना खुश रहेंगे, उतना ही रचनात्मक काम कर पाएंगे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए “पावर ऑफ डूइंग“ के बारे में बताया।
वहीं बिहेवरल एनालिस्ट ऋतु ठक्कर ने “द मैजिक ऑफ मेडिटेशन“ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संगीत वाद्ययंत्र के माध्यम से मेडिटेशन करने की सीख दी। माइक्रोसॉफ्ट में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर सूरज कुमार ने विद्यार्थियों से बात की। उन्होंने स्प्रिचुअल रिसर्च सेल से जुड़े हुए अपने अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा किए।
वहीं कार्यक्रम में दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता और लाइफ कोच स्नेह देसाई ने विद्यार्थियों को ’पावर ऑफ सबकांशियस माइंड’ के बारे में बताया। उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने विद्यार्थियों को सदैव ही सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, युवा अनस्टापबल के फाउंडर अमिताभ शाह ने विद्यार्थियों को सही दिशा में काम करने की सीख दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनीता माथुर, तरुण सारस्वत और पी शिवानी सिंह ने किया। इस दौरान पूरे देश से 500 से अधिक विद्यार्थियों व प्राध्यापकों समेत जेईसीआरसी के प्राचार्य, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।