कृषि उत्पादन एवं किसानों की आय बढ़ाने में कृृषि आदान विक्रेताओं का महत्वपूर्ण योगदान

कृषि आदान विक्रेताओं के लिए कृृषि विस्तार सेवाओं में डिप्लोमा के समापन समारोह का आयोजन

जयपुर। राज्य कृृषि प्रबंध संस्थान, दुर्गापुरा में बुधवार को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फॉर इनपुट डिलर्स (देसी) का समापन समारोह आयोजित किया गया। यह डिप्लोमा राष्ट्रीय कृृषि प्रबंध संस्थान (मैनेज) हैदराबाद के तत्वाधान से श्याम दुर्गापुरा में आयोजित किया गया। 48 सप्ताह के इस डिप्लोमा में 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कृषि उत्पादन एवं किसानों की आय बढ़ाने में कृृषि आदान विक्रेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। सामान्यतः किसानों की समस्याओं का प्रथम समाधान केन्द्र कृृषि आदान केन्द्र ही होते है। कृृषि आदान विक्रेता व्यवहारिक ज्ञान तो रखते है, परन्तु इनके पास नवीन तकनीकी ज्ञान का अभाव रहता है।

कृृषि आदान बीज, उर्वरक एवं पेस्टिसाइड के व्यवसाय के लिए वांछित लाईसेन्स हेतु यह डिप्लोमा अनिवार्य है। राज्य में इस पाठ्यक्रम का आयोजन राज्य कृृषि प्रबंध संस्थान (श्याम) दुर्गापुरा के माध्यम से विभिन्न प्रशिक्षण संस्थाओं यथा कृृषि विज्ञान केन्द्र, परियोजना निदेशक आत्मा आदि पर किया जाता है।

देसी पाठ्यक्रम द्वारा कृृषि आदान विक्रेताओं को नवीनतम कृषि तकनीक, योजनाओं की जानकारी एवं कृृषि आदानों के व्यापार सम्बन्धी कानूनों की जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाता है। कोर्स की अवधि 48 सप्ताह की रखी गई है। प्रशिक्षण समापन के बाद मूल्याकंन कर मैनेज हैदराबाद द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाते है। 10 वीं कक्षा पढ़े हुए, कृृषि आदानों का व्यवसाय करने वाले अथवा जो डिप्लोमा करना चाहते है, इस पाठ्यक्रम के प्रतिभागी हो सकते है।

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