जयपुर। चित्तौड़गढ़ जिले में 5 इंच से ज्यादा (135 MM) बरसात दर्ज की गई। रविवार रात को घोसुंडा बांध के एक गेट को फिर से खोल दिया गया। राणाप्रताप सागर बांध के 10 गेट खोले गए। बंगाल की खाड़ी से आए डीप डिप्रेशन सिस्टम की आज राजस्थान के पूर्वी हिस्से में एंट्री हो गई। इसके कारण जयपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, टोंक, दौसा, करौली, उदयपुर जिलों में तेज बारिश हुई। बारिश से सड़कें दरिया बन गई, कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। जगह-जगह पानी भरने से लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ।
टोंक में बरसाती नाले में बहने से पति-पत्नी की मौत हो गई। खेत पर जाने के लिए दोनों नाला पार कर रहे थे। वहीं उदयपुर में बाइक से पुलिया पार कर रहे दो युवक बह गए। दोनों की तलाश की जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश कोटा शहर में हुई। यहां 9 इंच तक पानी बरसा, जिससे बाढ़ के हालात पैदा हो गए। प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों में छुटि्टयां घोषित कर दी। जयपुर में भी रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक बरसात हुई।
टोंक में 12 घंटे में रिकॉर्ड 7 इंच बारिश
टोंक शहर में 9 साल बाद 7 इंच से अधिक (180MM) बारिश हुई। इससे शहर की कुछ कॉलोनियों में पानी भर गया। सड़कें दरिया बन गईं। करीब आधा दर्जन कच्चे घर गिर गए हैं। हालांकि इससे कोई जनहानि नहीं हुई। रविवार रात से सुबह दस बजे तक हुई बारिश से लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ। बीसलपुर में भी पानी की आवक रविवार के मुकाबले बढ़ गई है। आज बीसलपुर डैम का जलस्तर 12 घंटे में सात सेंटीमीटर बढ़ गया है। सुबह 8 बजे तक बांध का जलस्तर 13.02 आरएल मीटर हो गया है।
इधर, मध्य प्रदेश (MP) में हो रही भारी बरसात से कालीसिंध, चंबल, परवन नदियां का जलस्तर बढ़ने से राजस्थान की टेंशन बढ़ गई। इन नदियों पर बने सभी बांधों के गेट खोल दिए हैं। जल संसाधन विभाग के मुताबिक आज गांधी सागर के 8 गेट खोलकर चंबल में पानी छोड़ा गया, इस कारण राणा प्रताप सागर बांध के 6, जवाहर सागर के 7 और कोटा बैराज के 16 गेट खोले गए हैं। कोटा बैराज से 3 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे चंबल नदी से लगते गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कालीसिंध बांध के 10 गेट खोले गए, जिससे 1 लाख 46,843 क्यूसेक पानी, जबकि भीम सागर के 4 गेट खोलकर 14 हजार 400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
कोटा का MP से संपर्क कटा
कोटा शहर में पिछले 24 घंटे के दौरान 224MM (9 इंच) बरसात हुई, जो पिछले 6 साल में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है। इससे पहले 7 अगस्त 2016 को कोटा में सर्वाधिक 193MM बारिश दर्ज हुई थी। तेज बारिश के कारण कोटा शहर की कई बस्तियां जलमग्न हो गई। पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद कोटा के इटवा स्थित खातोली की पुलिया पर पानी आने के कारण कोटा-श्योपुर राजमार्ग बंद हो गया।
खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी परवन, कालीसिंध नदी
झालावाड़ प्रशासन ने कोटा, बूंदी, बारां जिलों को अलर्ट भेजा है। SDRF और प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं, कालीसिंध और परवन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बारां के बड़ौद में कालीसिंध नदी का जलस्तर 210.25 मीटर तक चला गया है, जबकि इस नदी का उच्चतम लेवल 223.80 मीटर है। परवन नदी भी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है, नदी का जलस्तर 310.35 मीटर है। कोटा में चंद्रलोई नदी का जलस्तर भी 244.04 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 1.96 मीटर कम है।
उदयपुर में बाइक समेत नदी में बहे 2 युवक
उदयपुर में बाइक सवार दो युवक पानी में बह गए। डबोक इलाके में पुलिया पार करते वक्त रविवार देर रात हादसा हुआ। लोगों की सूचना पर नागरिक सुरक्षा विभाग और SDRF की टीमें मौके पर पहुंची। सोमवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। हादसा ओरडी-नांदवेल मार्ग पर बनी पुलिया पर हुआ। दोपहर 12 बजे तक रेस्क्यू टीम ने बाइक को नदी से बाहर निकाला।
इन जिलों में हुई भारी बारिश
मौसम केन्द्र जयपुर और जल संसाधन विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान जयपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, टोंक, दौसा, करौली, उदयपुर जिलों के कई इलाकों में 2 से लेकर 9 इंच तक बरसात हुई। झालावाड़, कोटा में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए। मौसम केंद्र जयपुर की मानें तो ये सिस्टम (डीप डिप्रेशन) धीरे-धीरे पश्चिम दिशा की ओर से बढ़ रहा है। संभावना है कि आज देर रात से या कल से जोधपुर, अजमेर संभाग के जिलों में भारी बारिश का दौर शुरू हो जाएगा।