जयपुर/उदयपुरवाटी। लाल डायरी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने शनिवार को शिंदे गुट वाली शिवसेना का दामन थाम लिया। उन्होंने महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थित में अपने पैतृक गांव गुढ़ा (नीमकाथाना) में पार्टी जॉइन की।
शिंदे ने इस मौके पर अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने एक साल पहले यहीं पर कहा था कि गुढ़ा के कारण मैं मुख्यमंत्री हूं, फिर उन्हीं को बर्खास्त कर दिया। गुढ़ा के बेटे का आज जन्मदिन भी है, इसी मौके पर समारोह रखा गया था। शिंदे ने गुढ़ा को शिवसेना का दुपट्टा पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया। गुढ़ा इससे पहले बसपा और कांग्रेस में भी रह चुके हैं।
शिंदे बोले- ये मिलन सुखद है
एकनाथ शिंदे ने कहा कि गहलोत ने जो किया उसका जवाब जनता देगी। गुढ़ा ने क्या गलती की, सच्चाई का साथ देना गुनाह है क्या? आपने राजस्थान में कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की ही तो आवाज उठाई थी। शिंदे ने कहा कि गुढ़ा ने मंत्री पद छोड़ा, सच्चाई नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, ‘राजेंद्र गुढ़ा का शिवसेना में स्वागत है। राजस्थान की वीरता और महाराष्ट्र की वीरता का मिलन सुखद है। गुढ़ा जब भी महाराष्ट्र आते थे तो वहां रह रहे राजस्थानियों की चिंता करते थे। महाराष्ट्र में रहने वाले हर राजस्थानी का हम ध्यान रखेंगे।’
शिंदे बोले- मैंने भी मंत्री पद छोड़ा था
अपने संबोधन में शिंदे ने कहा, ‘आपकी तरह ही मैंने भी मंत्री पद छोड़ा था। मैंने बाला साहेब के विचारों-आदर्शों के लिए मंत्री पद छोड़ा था। राजेंद्र गुढ़ा ने सचाई के लिए मंत्री पद छोड़ा। राजस्थान में कानून-व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। राजस्थान का विकास होना चाहिए।’
महिला सुरक्षा पर सरकार को गिरेबां में झांकने की सलाह देने के बाद बर्खास्त हुए थे
गुढ़ा ने जुलाई में विधानसभा में कानून-व्यवस्था को लेकर मंत्री रहते हुए सवाल उठाए थे। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के मणिपुर हिंसा और महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला उठाने पर पलटवार करते हुए कहा था कि राजस्थान रेप के मामले में अव्वल है। हमें मणिपुर पर बात करने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। मंत्री के अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने से कांग्रेस की विधानसभा में असहज स्थिति बन गई थी। यह मुद्दा उठाने के बाद गुढ़ा को उसी दिन देर शाम बर्खास्त कर दिया गया था। मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने विधानसभा में लाल डायरी लहराकर नया विवाद छेड़ दिया था।
लाल डायरी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा, गुढ़ा के बाद बीजेपी ने मुद्दा बनाया
राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में लाल डायरी लहराकर दावा किया था कि यह डायरी आरटीडीसी अध्यक्ष धमेंद्र सिंह राठौड़ के घर पड़े इनकम टैक्स छापों से पहले लाई गई थी। उस दिन भारी हंगामा हुआ था। गुढ़ा ने लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रखा है। गुढ़ा ने लाल डायरी के तीन पन्ने भी रिलीज किए थे जिसमें आरसीए चुनावों में लेनदेन का जिक्र था। लाल डायरी को बीजेपी ने लगातार चुनावी मुद्दा बना रखा है। बीजेपी की परिवर्तन यात्रा की सभााओं में अमित शाह, जेपी नड्डा से लेकर हर नेता ने लाल डायरी के मुद्दे पर गहलोत सरकार को घेरा है।
I’m extremely impressed with your writing talents and also with the layout on your blog. Is this a paid subject or did you customize it your self? Either way keep up the nice high quality writing, it is uncommon to look a nice weblog like this one these days!