स्कूल फीस: अभिभावकों की मांग विधानसभा में विशेष बिल लाकर फीस में 40 फीसदी राहत दिलाए सरकार

सत्र 2020-21 की स्कूल फीस के सम्बंध में हाल ही सुप्रीम कोर्ट से आए अन्तरिम फैसले के बाद अभिभावक परेशान हैं। अभिभावकों का कहना है कि राज्य सरकार को चाहिए कि वर्तमान बजट सत्र में विशेष बिल लाए और स्कूल फीस में 30-40 फीसदी राहत दिलाए।

जयपुर। सत्र 2020-21 की स्कूल फीस के सम्बंध में हाल ही सुप्रीम कोर्ट से आए अन्तरिम फैसले के बाद अभिभावक परेशान हैं। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना के कारण पिछले कई माह से आर्थिक स्थिति बुरी तरह गड़बड़ाई हुई है। राज्य सरकार को चाहिए कि वर्तमान बजट सत्र में विशेष बिल लाए और स्कूल फीस में 30-40 फीसदी राहत दिलाए।

अभिभावकों का तर्क: स्कूलों का खर्चा 70 फीसदी तक कम हुआ
अभिभावकों का तर्क है कि कोरोना काल में स्कूलों का खर्चा 30-40 फीसदी ही हुआ। बाकी 60-70 फीसदी रकम स्कूलों की तिजोरी में सीधे बचेगी। पिछले 10 महीने से स्कूल बंद होने से बिजली का बिल न के बराबर आया। स्टाफ कम कर दिया गया, शिक्षकों का वेतन आधा घटा दिया गया। साफ-सफाई, रखरखाव जैसे मदों में भी राशि बची। अब फीस पूरी वसूली जा रही है, जो अनुचित है।

सरकार समझे अभिभावकों की हालत
राज्य सरकार अभिभावकों की हालत जानती है। सुप्रीम कोर्ट में बहस चली तो सरकार की ओर से अभिभावकों के हित में पक्ष नहीं रखा गया। विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है तो सरकार अभिभावकों के हित में विशेष कानून लाए।

  • अरविंद अग्रवाल, प्रदेशाध्यक्ष, संयुक्त अभिभावक संघ

सरकार दे अनुदान
सरकार अपने स्तर पर निजी स्कूलों को अनुदान दे। विधानसभा में विशेष कानून लाकर अभिभावकों की मदद करे।

  • नीरज नाटाणी, अभिभावक

खर्चा तो अभिभावकों का हुआ
कोरोना काल में संबंधित संसाधन जुटाने पर स्कूलों से कहीं ज्यादा खर्चा तो अभिभावकों का हुआ है। स्कूलों ने आधे से भी कम समय पढ़ाई कराई है। फीस में 50 फीसदी से अधिक की राहत मिलनी चाहिए।

  • प्रकाश वर्मा, अभिभावक

शिक्षा मंत्री का बयान नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा मंत्री का बयान नहीं आने पर संयुक्त अभिभावक संघ ने नाराजगी जताई है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में न अपना और न अभिभावकों का पक्ष रखा। अन्तरिम आदेश को तीन दिन बीत गए किन्तु शिक्षा मंत्री ने बयान तक नहीं दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार बजट सत्र में विशेष बिल लाकर अभिभावकों को राहत दे। नियामक आयोग गठित करना चाहिए।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन एमपी इकाई संगठन को मजबूती के होंगे प्रयास

जागरूक जनता नेटवर्क @ इंदौर। अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन मध्य...