G-7 Summit पीएम मोदी 47वें सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से लेंगे हिस्सा, ज्यादा फोकस इसी बात पर रहेगा कि कैसे दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्त करना है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) आज डिजिटल माध्यम से 47 वें जी7 शिखर सम्मेलन ( G7 Summit ) को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 12 और 13 जून को जी7 के शिखर सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्रों में डिजिटल माध्यम से भाग लेंगे।
शुक्रवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ( Boris johnson ) ने कॉर्नवाल में जी-7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में शुक्रवार को घोषणा की कि ब्रिटेन अगले साल तक दुनिया को कोविड-19 रोधी टीके की 10 करोड़ खुराकें देगा।
जी-7 सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का मिलन है। हालांकि, भारत इस संगठन का हिस्सा तो नहीं है, पिछले कुछ वर्षों से बतौर मेहमान जी-7 में हिस्सा लेता आया है। इस बार भी भारत ब्रिटेन के बुलावे पर जी-7 देशों की बैठक में हिस्सा ले रहा है। जी-7 के सभी देशों से भारत की बेहद अच्छी दोस्ती है। पीएम मोदी से पहले मनमोहन सिंह भी जी-7 की बैठकों में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते थे।
पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अलग सत्रों में जी-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करने जा रहे है। वे 12 और 13 जून को इस सम्मेलन का हिस्सा रहेगा।
इन बिंदुओं पर चर्चा
जी-7 सम्मेलन में जिन अहम बिंदुओं पर चर्चा हो रही है। उनमें कोरोना वायरस से कैसे मजबूती से निपटा जाए और पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्लोबल वार्मिंग और फ्री ट्रेड जैसे मुद्दे शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इन बिंदुओं पर भारत की बात रख सकते हैं।
जी-7 में शामिल हैं ये देश
जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका जैसे देश शामिल हैं। इस बार जी-7 की मेजबानी ब्रिटेन कर रहा है। जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत के अलावा दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और जापान को भी आमंत्रित किया गया है।
भारत के लिए इसलिए खास
पिछले साल जी7 के 46वें शिखर सम्मेलन को स्थगित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, कि G7 समूह पुराना हो चुका है, और अपने वर्तमान प्रारूप में यह वैश्विक घटनाओं का सही तरीके से प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं है। अब वक्त आ गया है, जब जी7 ग्रुप को जी-10 या फिर जी-11 बना दिया जाए। ट्रंप ने जी7 ग्रुप में भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के अलावा रूस को भी शामिल करने की मांग की थी।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत को लेकर कही ये बात
G-7 समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने शुक्रवार को जी-7 देशों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे भारत में कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर लगाई गई रोक को हटा लें। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सदस्य देशों से आग्रह किया कि कच्चे माल पर लगे बैन हटाया जाएं। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि इससे गरीब देशों में वैक्सीन के उत्पादन में मदद मिलेगी।