जयपुर। राजस्थान में अब बिजली कंज्यूमर्स को फ्यूल सरचार्ज नहीं देना होगा। सीएम अशोक गहलोत ने 200 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत वाले कंज्यूमर्स का फ्यूल सरचार्ज पूरी तरह माफ करने की घोषणा की है। गुरुवार को फ्री स्मार्ट फोन योजना की लॉन्चिंग के दौरान गहलोत ने कहा- फ्यूल सरचार्ज माफ करने के बदले बिजली कंपनियों को सरकार 2500 करोड़ रुपए देगी। कृषि और घरेलू कंज्यूमर्स का अब फ्यूल सरचार्ज पूरी तरह खत्म किया जाता है।
गहलोत ने कहा- प्रदेश से लोगों की डिमांड थी कि फ्यूल सरचार्ज खत्म किया जाए। पहले 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ था। अब कितने ही यूनिट हों, कोई फ्यूल सरचार्ज नहीं देना होगा। सीएम की इस घोषणा से आम बिजली कंज्यूमर का हर महीने कम बिजली बिल आएगा। अगले बिल से इसका असर देखने को मिलेगा। सीएम की घोषणा के बाद सभी बिजली कंपनियों ने एक्सरसाइज शुरू कर दी है। बिलिंग सॉफ्टवेयर के डेटा को अपडेट किया जाएगा।
बजट में की गई थी 100 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा
सीएम ने इस साल बजट में 100 यूनिट तक बिजली फ्री करने की घोषणा की थी। बाद में 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की घोषणा की थी। 200 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर फ्यूल सरचार्ज वसूला जाता है। हर यूनिट पर औसतन 30 से 70 पैसे प्रति यूनिट का फ्यूल सरचार्ज वसूला जाता है। फ्यूल सरचार्ज की रेट बिल में अलग-अलग होती है।
कोयले की रेट बढ़ने पर भी बढ़ता है फ्यूल सरचार्ज
बिजली कंपनियां बिजली प्रोडक्शन में काम आने वाले कोयले की दरें बढ़ने पर भी फ्यूल सरचार्ज वसूलती है। इसके लिए नियामक आयोग में याचिका दायर करनी होती है। नियामक आयोग से मंजूरी के बाद फ्यूल सरचार्ज वसूला जाता है। फ्यूल सरचार्ज का पैसा फिक्स नहीं होकर वैरिएबल होता है।
सरकार ने हाल ही बिल पास किया था
सरकार ने हाल ही में विधानसभा में बिल पास करवाया था, जिसमें अब सरकार प्रति यूनिट एक रुपए तक का चार्ज वसूलने का आदेश जारी कर सकती है, इसके लिए नियामक आयोग में याचिका दायर करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह बिल बिना बहस हंगामे में पारित हुआ था।
फ्यूल सरचार्ज को विपक्ष ने मुद्दा बनाया था
बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने से लोगों का बिजली बिल बढ़कर आ रहा था। पिछले कई महीनों से विपक्ष ने सरचार्ज को मुद्दा बना रखा था। कांग्रेस विधायकों ने भी फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने से चुनावी साल में नुकसान होने का फीडबैक दिया था। इसके बाद सीएम ने फ्यूल सरचार्ज माफ करने की घोषणा की है। चुनावी साल में सरकार किसानों को बिजली फ्री देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है।