एक माह में दूसरी बार देशनोक पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप,पीड़ित पक्ष पहुंचा आईजी द्वार,पढ़ें पूरी खबर
नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। “आमजन में विश्वास अपराधियों में भय” वाले स्लोगन के साथ खाकी की खास पहचान होती है,लेकिन इस गर्वान्वित स्लोगन को जिले की देशनोक थाना पुलिस धूमिल करने पर लगी हुई है। जिसके आरोप एक माह में दूसरी बार लगे है। पीड़ित पक्ष ने रेंज आईजी से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है। दरअसल मामला थाना क्षेत्र से प्रेमी प्रेमिका के घर से भागकर शादी रचाने से जुड़ा हुआ है। पीड़ित आरोपी मनोज राजपुरोहित के अधिवक्ता जयदीप कुमार शर्मा ने बताया 13 जुलाई 2022 को थाने में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने तफ्तीश करते हुए प्रेमी प्रेमिका को 29 जुलाई को सूरत से दस्तयाब किया था। जिसके बाद लगातार आठ दिनों तक पुलिस ने आरोपी प्रेमी मनोज राजपुरोहित को अवैध हिरासत में रखा और ना ही उसे कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद आरोपी के परिजन एसपी के समक्ष पेश हुए और न्याय की गुहार लगाई । इस खबर को जागरूक जनता से 8 अगस्त को फ्लैश किया और अगले ही दिन 9 अगस्त को आनन फानन में देशनोक पुलिस ने प्रेमी मनोज राजपुरोहित को गिरफ्तार कर धारा 363, 366, 376 (एबी) भा.द.स. व 5 (एम) / 6 पोक्सो एक्ट जोड़ दी । आरोपी युवक अभी सेंट्रल जेल में बंद है।
अधिवक्ता शर्मा के अनुसार जांच अधिकारी को इस बात का पता था की लड़की की जन्म तारीख 10.07.2004 तथा लड़की ने उच्च माध्यमिक शिक्षा 2022 पास कर ली है तथा आधार कार्ड में भी जन्म तारीख 10.07.2004 है तथा लड़की द्वारा 10.07.2022 से पूर्व अपनी स्कूल में उपस्थित होकर TC ली गई है। देशनोक पुलिस ने लड़की के सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज जन्मतिथि जिसमे आधार कार्ड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व सूरत महानगर पालिका से रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट तक को ताक पर रखकर 376 भा.द.स. व पोक्सो एक्ट युवक मनोज राजपुरोहित के खिलाफ दर्ज एफआईआर में जोड़ कर आरोपी युवक मनोज राजपुरोहित को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित युवक पक्ष का आरोप है कि जांच अधिकारी निष्पक्ष अनुसंधान करने के बजाय बिना किसी आधार के पति पत्नी को अलग करने में लगे हुऐ है। जबकि भारतीय संविधान के अनुसार बालिग होने के बाद स्वेच्छा से लड़की किसी के साथ भी शादी कर सकती है । इस मामले में देशनोक पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीड़ित युवक के परिजनों ने रेंज आईजी, संभागीय आयुक्त व एसपी को लिखित परिवाद देकर निष्पक्ष न्याय की गुहार लगाई है।