Rajasthan Politics : प्रदेश में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब भाजपा में मंत्रिमंडल गठन की कवायद चल रही है। मंत्रिमंडल तैयार करने में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन भी देखा जा रहा है, लेकिन इस बार कोई भी अल्पसंख्यक खासतौर पर मुस्लिम चेहरा कैबिनेट में देखने को नहीं मिलेगा।
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जयपुर. प्रदेश में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब भाजपा में मंत्रिमंडल गठन की कवायद चल रही है। मंत्रिमंडल तैयार करने में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन भी देखा जा रहा है, लेकिन इस बार कोई भी अल्पसंख्यक खासतौर पर मुस्लिम चेहरा कैबिनेट में देखने को नहीं मिलेगा। 25 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब मंत्रिमंडल में एक भी अल्पसंख्यक नहीं है। 1998 से लेकर 2018 तक पांच सरकारों में एक या दो मुस्लिम चेहरे कैबिनेट में रहे हैं।
ये मुस्लिम चेहरे रहे मंत्री
1998 में गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में चौधरी तैय्यब हुसैन, अब्दुल अजीज और हबीबुर्रहमान मंत्री रहे। 2008 से 2013 के बीच गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में दुर्रूमियां और नसीम अख्तर इंसाफ मंत्री रहे। गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में सालेह मोहम्मद और जाहिदा खान मंत्री रहे। वहीं भाजपा सरकार में 2003 से लेकर 2008 और 2013 से 2018 तक यूनुस खान कैबिनेट मंत्री रहे।
यूनुस दो बार कैबिनेट में रहे
साल 2003 और 2013 में वसुंधरा सरकार में यूनुस खान दो बार कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन इस बार के चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके बाद यूनुस खान ने डीडवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।