जयपुर. अंतररष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर किसान मोर्चा, राजस्थान की ओर से किसान संसद का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों से किसानों को बुलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें किसान कृषि कानूनों पर अपनी स्वतंत्र, सारगर्भित और तथ्यात्मक बात रखेंगे। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए मोर्चा की कोर टीम के सदस्य प्रो. सी.बी. यादव ने प्रेसवार्ता में बताया कि 15 सितंबर को बिड़ला ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम होगा। एक विशेष प्रक्रिया के तहत किसानों को चयनित किया जाएगा। 50 फीसदी महिलाओं की भी भागीदारी रहेगी। उन्होंने बताया कि किसान संसद में सरकार के मंत्रिमंडल के साथ-साथ विपक्ष के छाया मंत्रिमंडल का भी गठन किया जाएगा।
केंद्र सरकार की कार्यशैली पर साधा निशाना
पिंकसिटी प्रेसक्लब में हुई प्रेस वार्ता में मोर्चा की ओर से बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार किसानों की नहीं सुन मनमानी कर रही है। कोरोना महामारी के दौर में पहले अध्यादेश के माध्यम से तथा फिर बिना किसी संसदीय प्रक्रियाओं के पालन किए हुए तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों को थोपने का काम किया है। यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय है। एक वर्ष से किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। मानसून सत्र के दौरान भी आंदोलनरत किसानों की आवाज और विपक्ष की आवाज को पूरी तरह दबाने का प्रयास किया है।
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