श्रीडूंगरगढ के बीसीएमओ ले रहे ऑफिस टाइम में मजे,मरीजो की लूट रहे जेबें! पढ़े पूरी खबर
बीकानेर@जागरूक जनता । अंधेर नगरी चौपट राजा.. वाली कहावत जिले के श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के स्वास्थ्य विभाग पर लागू हो रही है, राजकीय हॉस्पिटल का आलम यह है कि आज 11:20 तक हॉस्पिटल के आउटडोर में मरीजो को देखने वाला कोई भी डॉक्टर नही था । हॉस्पिटल में दिखाने आई एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला के परिजनों ने बताया कि वे सुबह से हॉस्पिटल के आउटडोर में डॉक्टर का इंतजार कर रहे है, लेकिन 11:20 तक कोई भी डॉक्टर आउटडोर में नही आया । इस पर जागरूक जनता ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की तो वंही मौके पर मौजूद ग्रामीण मरीजों ने बताया कि खुद बीसीएमओ हॉस्पिटल के सामने वाली मेडिकल स्टोर पर 11:20 तक मरीजो को देख रहे थे । ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि खुद बीसीएमओ ही जब हॉस्पिटल में ना बैठकर प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर बैठते है, वंही आरोप है कि वे खुलेआम धड़ल्ले से अपनी जेब भरने में लगे हुवे है! अगर वाकई में ऐसा है तो उनके अंडर में काम करने वालों पर इसका क्या असर पड़ेगा, या फिर पड़ रहा है ? ये जांच का विषय तो है साथ ही इनकी इस बड़ी लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करने की भी सख्त जरूरत है, क्योंकि सरकारी हॉस्पिटल में गरीब मजदूर व मध्यमवर्गीय लोग इसी आस में आते है, की उन्हें सस्ता व सरकारी मदद से निःशुल्क इलाज मिले । उल्लेखनीय है, बीकानेर के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. बी एल मीणा के कार्यकाल में उनके महकमे ऐसी लापरवाही कभी देखने को नही मिली, क्योंकि वे खुद अपने ऑफिस में सबसे पहले ड्यूटी पर आते थे, यंहा तक कि कोरोनाकाल में वे अक्सर रात को 2 से 3 बजे तक काम करते थे, लेकिन ऑफिस में ड्यूटी को लेकर कड़े सख्त नियम कायदे वाले थे, साथ ही वे आकस्मिक निरीक्षण भी करते थे । लेकिन अभी वर्तमान में जो श्रीडूंगरगढ से लापरवाही की तस्वीरे जो सामने आई है, वाकई में बड़ी चोंकाने वाली और हैरानी वाली है । ऐसे में अब देखना ये होगा कि बीकानेर सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप इस पर क्या एक्शन लेते है ??
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