शिक्षा विभाग ने 50 साल पुराने सेवा नियम बदले

प्रतियोगी परीक्षा में माइनस अंक वाले शिक्षक नहीं बनेंगे, उच्च माध्यमिक में वाइस प्रिंसिपल का नया पद, माध्यमिक में प्रिंसिपल लगेंगे

जागरूक जनता नेटवर्क
जयपुर। शिक्षा विभाग ने बुधवार को 50 साल पुराने सेवा नियमों में बदलाव का निर्णय किया। इसके आधार पर अब शिक्षा विभाग के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में अब अगर माइनस अंक आएंगे तो शिक्षक नहीं बन सकेंगे। परीक्षा में न्यूनतम 40% अंक प्राप्त करने होंगे। वर्षों पुराने जिला शिक्षा अफसर की सीधी भर्ती के प्रावधान को भी हटा दिया गया।

आधे पदों पर सीधी भर्ती का प्रावधान था, पर आज तक एक बार भी सीधी भर्ती नहीं हुई। अब माध्यमिक स्कूलों से हेडमास्टर का पद भी समाप्त किया जाएगा। यहां सभी हेडमास्टरों को प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति देंगे और माध्यमिक स्कूलों में भी प्रिंसिपल ही लगेंगे। सभी उच्च माध्यमिक स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल का नया पद होगा। शिक्षामंत्री गोविंद डोटासरा ने यह जानकारी दी।

इन नियमों में भी बदलाव

  • व्याख्याता शारीरिक शिक्षा और लाइब्रेरियन ग्रेड प्रथम के पद स्वीकृत थे, लेकिन सेवा नियमों में नहीं थे। इन्हें एनकैडर किया है। अब इन पर पदोन्नति हो सकेगी।
  • शारीरिक शिक्षक ग्रेड प्रथम, द्वितीय और तृतीय की योग्यता एनसीटीई के नियमों के अनुसार की गई है।
  • तृतीय श्रेणी शिक्षकों के सेटअप परिवर्तन में 3 वर्ष की अनिवार्यता हटी।
  • अतिरिक्त निदेशक-सहायक निदेशक पद पर पदोन्नति के नियम भी बदले गए।

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