प्रख्यात खाटूश्यामजी का फाल्गुनी लक्खी मेला मामला, मेले के आयोजन पर पाबंदी को लेकर गरमाई सियासत, भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कोरोना काल बताया गया है लक्खी मेले पर रोक की वजह, 350 वर्ष में पहली बार नहीं भरेगा ख्यातनाम खाटू मेला
जयपुर। देश भर में ख़ास पहचान रखने वाले प्रख्यात खाटूश्यामजी के फाल्गुन लक्खी मेले के आयोजन को इस बार स्थानीय प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। इसके पीछे कोरोना काल और इसे देखते हुए प्रदेश भर में जारी सरकार की कोरोना गाइडलाइन्स का हवाला दिया गया है। इस बीच लक्खी मेले के आयोजन पर पाबंदी पर सियासत भी मुखर होती दिख रही है।
भाजपा विधायक व पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने लक्खी मेले के आयोजन पर रोक को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया है। शर्मा ने आज एक ट्वीट करते हुए सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से लक्खी मेले के आयोजन पर रोक लगाई है, तो क्या सरकार इसी तरह से उर्स के आयोजन पर भी रोक लगाने का विचार रखती है?
सोशल प्लेटफॉर्म्स पर दिख रही खाटू भक्तों भी मायूसी
खाटूश्यामजी का फाल्गुन लक्खी मेला पिछले 350 वर्षों से लगातार भरता आ रहा है। लेकिन इस बार स्थानीय प्रशासन ने कोरोना संकटकाल के कारण इसपर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है। ऐसे में लक्खी मेले की बाट जोह रहे खाटू भक्तों में मायूसी देखि जा रही है। खासतौर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खाटू भक्त सरकार के लक्खी मेले पर रोक को अनुचित बता रहे हैं।
खाटू भक्त दे रहे कई दलीलें
लोगों की दलील है कि जब प्रदेश धीरे-धीरे अनलोक हो चुका है, किसान आंदोलन में भीड़ एकत्रित हो रही है, कुम्भ मेले का आयोजन हो रहा है और उर्स का भी आयोजन होना है, ऐसे में खाटू लक्खी मेले में रोक लगाना उचित नहीं है।