DNA करेगा अपराधियों की बोलती बंद, टेस्ट में अब नही होगी देरी, टेस्ट की लेट-लतीफी के कारण नही बचेंगे अपराधी, मिली सैद्धान्तिक मंजूरी
जयपुर@जागरूक जनता । प्रदेश में अब बलात्कार,हत्या,पोक्सो जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त समाजकंटकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई डीएनए टेस्ट की लेटलतीफी के चक्कर में नहीं अटकेगी। राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला या एफएसएल के बाद अब मेडिकल कॉलेजों में भी डीएनए टेस्ट हो सकेंगे । विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग के प्रस्ताव पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में डीएनए टेस्ट करने के लिए सैंद्धांति मंजूरी दे दी है। आइए आपको बताते है कि इस कवायद की क्यों पड़ी जरूरत और किसी तरह गंभीर अपराधियों को जल्द मिलेगी सजा ।
ये है राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला
जयपुर में स्थित इस लैब पर काम का बोझ इतना है कि शत प्रतिशत मैनपॉवर और मशीनरी का उपयोग करने के बावजूद डीएनए टेस्ट की पैडेंसी दो साल की चल रही है।यानी गंभीर, लेकिन रूटिन प्रकरणों में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के लिए दो साल तक इंतजार करना पड़ता है।इस दरमियान कई अपराधियों की समय पर न्यायिक प्रक्रिया शुरू करने में भी देरी होती है। ऐसे में लैब के बोझ को कम करने और अपराधियों पर तय समय में शिकंजा कसने के लिए गृह विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संयुक्त एक्शन प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार इस नए एक्शन प्लान के तहत मेडिकल कॉलेजों में संचालित फोरेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट करने की मंजूरी दी है। पहले चरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अलावा जोधपुर और उदयपुर में डीएनए टेस्ट शुरू किए जाएंगे।
आखिर क्यों पड़ी जरूरत
– प्रदेश में एक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर में स्थित
– कानूनी प्रकरणों में इसी लैब में भेजे जाते है डीएनए के टेस्ट
– लैब में उपलब्ध मैनपावर और मशीनरी का शतप्रतिशत किया जाता है उपयोग
– तो भी रोजाना पांच यानी हर माह सिर्फ 150 प्रकरणों की ही हो पाई है जांच
– जबकि आमजन की जागरूकता के चलते तीन गुना से अधिक आते है टेस्ट
– लैब में फिलहाल हर माह 500 के पास सैम्पल आते है डीएनए टेस्ट के लिए
अपराधियों पर सख्ती के लिए गहलोत सरकार गंभीर
– अब डीएनए टेस्ट की “लेटलतीफी” पर लगेगा ब्रेक
– दो साल के बजाय तय समय में मिलेगी डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट
– एफएसएल के अलावा मेडिकल कॉलेजों की फोरेंसिक लैब में शुरू होगी टेस्टिंग
– पहले चरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज का किया गया है चयन
– इसके साथ ही जोधपुर और उदयपुर मेडिकल कॉलेज में भी शुरू होगी टेस्टिंग
– अगले चरण में सभी मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगा डीएनए टेस्टिंग का काम
– ताकि समयबद्ध हो सके आपराधिक प्रकरणों में महत्वपूर्ण समझी जाने वाली डीएनए जांच
गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पहले चरण में जिन तीन कॉलेजों में डीएनए टेस्ट शुरू किए जाएंगे, वहां काफी हद तक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। फिर भी कुछ अन्य उपकरणों की जरूरत होगी। जिसको देखते हुए प्रत्येक कॉलेज के हिसाब से चार-चार करोड़ का बजट मांगा गया है। गृह विभाग से बजट की मंजूरी मिलने के बाद ही इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया जाएगा। किसी भी अपराध के साक्ष्य जुटाने में डीएनए टेस्ट काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।ऐसे में माना जा रहा है कि यदि मेडिकल कॉलेजों की लैब में यह टेस्ट शुरू होंगे तो काफी हद तक टेस्ट रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से पुलिस को उपलब्ध होगी। ऐसा हुआ तो निश्चिततौर पर अपराधियों को उनके जुल्म के हिसाब से सजा जल्द दिलाने में पुलिस को मदद मिलेगी।