जयपुर। जयपुर में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले मुख्य सचिव के एक बयान ने जिला प्रशासन के लिए चिंता बढ़ा दी है। सचिवालय सेवा में नियुक्त कर्मचारियों ने चुनाव से ड्यूटी निरस्त करवाने की मांग को लेकर पिछले दिनों धरना दिया था। इसके बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कार्मिकों को ड्यूटी निरस्त का आश्वासन दिया था। आर्य के इस बयान के बाद अब अन्य विभागों में लगे कर्मचारी भी चुनाव में ड्यूटी निरस्त करवाने की मांग करने लगे हैं। हालांकि जयपुर जिला निर्वाचन अधिकारी अंतर सिंह नेहरा सचिवालय कर्मियों की ड्यूटी निरस्त करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि सचिवालय कर्मचारियों की ड्यूटी निरस्त होती है तो दूसरे कर्मचारी संगठनों का भी ड्यूटी निरस्त करवाने को लेकर जबरदस्त विरोध हो सकता है।
दरअसल पंचायत और जिला परिषद सदस्यों के लिए जयपुर में तीन चरणों में वोटिंग होनी है और उसके बाद मतगणना। यह पूरी प्रक्रिया 7 सितंबर को उप जिला प्रमुख और उप प्रधान के चुनाव के बाद खत्म होगी। दो दिन पहले जब सचिवालय सेवा के कर्मचारियों ने चुनाव से ड्यूटी निरस्त करवाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, तब से जयपुर में चुनाव ड्यूटी को लेकर घमासान शुरू हो गया है। चुनावी ड्यूटी को लेकर कर्मचारी संगठन आमने-सामने हो गए हैं।
मुख्य सचिव से ड्यूटी निरस्त करने के आश्वासन के बाद जयपुर जिला कलेक्ट्रेट, मेडीकल और अन्य कर्मचारी संगठन विरोध में उतर आए हैं। ड्यूटी को लेकर कर्मचारियों के आपस में हो रहे टकराव के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी सकते में हैं। क्योंकि यदि सचिवालय कार्मिकों की ड्यूटी निरस्त की जाती है तो चुनाव कौन करवाएगा? करीब 1500 से ज्यादा सचिवालय के कर्मचारी हैं, जिनकी चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है। हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारी अंतर सिंह नेहरा सचिवालय कार्मिकों की ड्यूटी निरस्त करने के मूड में नहीं है। उन्हें अंदाजा है कि सचिवालय कार्मिकों के ड्यूटी निरस्त का आदेश निकला तो दूसरे कर्मचारी संगठनों का विरोध उन्हें झेलना पड़ सकता है।
22 हजार कर्मचारियों की है जरूरत
अंतर सिंह नेहरा का कहना है कि इन चुनावों में महिलाओं, बीएलओ, केंद्रीय कर्मचारियों के साथ इमरजेंसी सेवाओं के कार्मिकों को मुक्त रखा गया है। ऐसे में कार्मिकों पूरे नही होंगे तो चुनाव करवाना मुश्किल हो जाएगा। जबकि जयपुर जिले में होने वाले तीन चरणों में पंचायत चुनाव में करीब 22 हजार कार्मिकों की जरूरत है। उधर मुख्य सचिव निरंजन आर्य का कहना है कि ड्यूटी लगाने का काम जिला निर्वाचन अधिकारी का है। कोई भी अधिकारी उसमें कोई दखल नहीं देता है। कुछ सचिवालय के कार्मिक कल उनसे मिले थे। इनकी पहली बार चुनाव ड्यूटी लगी है। कुछ कार्मिक जो कि अधिकारियों के निजी स्टाफ में लगे हुए हैं या जरूरी काम में लगे हैं, उनकी ड्यूटी निरस्त करने का जरूर जिला निर्वाचन अधिकारी से आग्रह किया गया था।