रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीओके में रहने वाले हमारे भाइयों की स्थिति महाराणा प्रताप को छोटे भाई शक्ति सिंह जैसी है।

CII के शिखर सम्मेलन में पहुंचे राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में भाग लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा, “आज पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल दिखाई दे रहा है। हर जगह संघर्ष चल रहा है। वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आज की अंतर्राष्ट्रीय अनिश्चितता का मूल कारण विश्वास की कमी है। इसके विपरीत, अगर हम अपने देश को देखें, तो हमारा प्रयास देश के भीतर विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों और आर्थिक क्षेत्रों के बीच विश्वास का एक मजबूत माहौल बनाने का रहा है। इन प्रयासों के माध्यम से हमें अभूतपूर्व सफलता मिली है।”
पीओके पर बोले राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा, “पीओके में रहने वाले अधिकतर लोग भारत से गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं, कुछ ही लोग हैं जिन्हें गुमराह किया गया है। पीओके में रहने वाले हमारे भाइयों की स्थिति वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह जैसी है। भारत हमेशा दिलों को जोड़ने की बात करता है, और हमारा मानना है कि प्रेम, एकता और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए वो दिन दूर नहीं जब हमारा अपना हिस्सा पीओके वापस आएगा और कहेगा, मैं भारत हूं, मैं वापस आया हूं। पीओके का भारत में एकीकरण इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करता है।”
ऑपरेशन सिंदूर सफलता को सबने देखा: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश के लोगों ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा, समझा और महसूस किया है। आज यह साबित हो गया है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है। अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएं निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं।” राजनाथ सिंह ने कहा, “आपको यह जानकर खुशी होगी कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अभी दो दिन पहले ही AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रोजेक्ट के निष्पादन मॉडल को मंजूरी दी गई है, जो भारत में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की परियोजना है। यह एक बहुत ही साहसिक और निर्णायक निर्णय है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और साथ ही इस देश में एयरोस्पेस सेक्टर को गहराई और नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा।”