गहलोत सरकार का निर्णय : मंदिरों में रामनवमी पर रामायण और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड के पाठ…..
जयपुर @जागरूक जनता। गहलोत सरकार पहली बार रामनवमी पर रामायण और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड का पाठ सीधे मंदिर के अधीन मंदिरों में कराएगी। शासन सचिव (देवस्थान) ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
देवस्थान आयुक्त कर्णसिंह ने सभी जिलों के सहायक आयुक्तों से जिलों के प्रत्यक्ष प्रभार के तहत दो मंदिरों की सूची मांगी है जहां रामायण पाठ और सुंदरकांड पाठ किया जा सकता है। इन मंदिरों में 10 अप्रैल को रामायण और 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर सुंदरकांड के पाठ के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। चूंकि जयपुर में प्रत्यक्ष प्रभार का एक ही राम मंदिर है, रामगढ़ मोड स्थित राधानिवास श्री रघुनाथजी मंदिर में रामायण पाठ होगा। पाठ 9 अप्रैल से शुरू होगा और 10 अप्रैल को समाप्त होगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के करौली में बिगड़े सांप्रदायिक सोहार्द्र और कई जिलों में लगाई गई धारा-144 के बीच अब राजस्थान की गहलोत सरकार ने प्रदेशभर में रामायण और सुंदरकांड का पाठ कराने का निर्णय लिया है। सरकार रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड का पाठ कराएगी। राजस्थान सरकार ने इसके लिये सभी जिलों के देवस्थान विभाग से दो-दो मंदिरों की सूची मांगी है जहां ये आयोजन कराये जायेंगे।
देवस्थान विभाग की ओर से इसके लिये आवश्यक व्यवस्थायें करने के निर्देश भी दे दिये गये हैं। अभी तक आप यह सुनते और देखते आए होंगे कि भागवत गीता और रामायण का पाठ धार्मिक संगठनों की ओर से करवाए जाते रहे हैं लेकिन अब राजस्थान सरकार भी ऐसे आयोजन कराने लगी है। देवस्थान विभाग की ओर से पहली बार प्रदेश में भागवत कथा का आयोजन करवाया गया था। अब विभाग की ओर से रामायण पाठ और सुन्दरकांड का पाठ करवाया जाएगा।
इस संबंध में देवस्थान विभाग के आयुक्त करण सिंह सभी संभागों के सह आयुक्तों से सरकार स्वामित्व वाले दो दो मंदिरों की सूचि मांगी है। रामायण पाठ 10 अप्रेल को रामनवमी के दिन होगा और सुरन्दरकांड का पाठ हनुमान जयन्ती के अवसर पर 16 अप्रेल को कराया जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार के स्तर पर भागवत गीता का पाठ कराया गया था। मार्च के पहले सप्ताह में महाशिवरात्रि के अवसर पर जयपुर के दो मंदिरों में भागवत कथा का आयोजन सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से कराया गया था।
हालांकि देवस्थान विभाग सालों पहले बना हुआ है लेकिन विभाग की ओर से सार्वजनिक रूप से कभी ऐसे धार्मिक कथाओं का आयोजन नहीं करवाया गया था। विभाग की ओर से ऐसी पहल पहली बार की गई है। विभाग के आयुक्त करण सिंह ने रामायण पाठ और सुन्दरकांड के पाठ आयोजन कराने के आदेश तो दे दिए लेकिन विभाग की ओर से बजट जारी नहीं किया गया है।
सरकारी स्वामित्व वाले कई मंदिर ग्रामीण क्षेत्रों में है। इन मंदिरों में चढावा भी नाम मात्र का आता है।
विभाग के अधिकारियों के अपने स्तर ये आयोजन कराने होंगे। ऐसे में देवस्थान विभाग के अफसर अब दानदातों और ट्रस्ट संचालकों से संपर्क कर रहे हैं ताकि मंदिरों में रामायण पाठ और सुन्दरकांड के पाठ का आयोजन कराया जा सके। आयोजन से पूर्व पोस्टर्स और होर्डिंग भी लगाने होंगे। धार्मिक आयोजन कराने वालों के अनुसार एक आयोजन में कम से कम 20-25 हजार रुपए खर्च होना स्वभाविक है।