पश्चिम बंगाल में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज कर ली है।
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का देशभर में ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। बीते दिनों से पश्चिम बंगाल में भी ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार को बंगाल में उस समय बड़ा बवाल खड़ा हो गया जब एक तृणमूल कांग्रेस नेता के घर छापेमारी के लिए गई ईडी की टीम पर भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। यह हमला टीएमसी नेता के समर्थकों ने ही किया था, जिसमें ईडी के कुछ अधिकारियों के सिर में गंभीर चोट लगी है। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर डाली है।
पुलिस ने दर्ज की 3 FIR
ईडी की टीम पर जिस समय हमला हुआ, उस समय ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सिर्फ 27 जवान थे। इस हमले में जांच टीम के 3 अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं। इस मामले में ईडी अधिकारियों ने कहा कि हमले के दौरान भीड़ ने उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और वॉलेट भी छीन लिया गया। इस मामले में एक्शन लेते हुए बंगाल पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज कर ली है।
बीजेपी और कांग्रेस बोली- बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन
इस घटना को लेकर विपक्ष सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोल रही है। बीजेपी और कांग्रेस ने जहां एक ओर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है, वहीं दूसरी ओर राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने भी संकेत दिया है। राज्यपाल ने कहा कि सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार करेंगे और मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी। बीजेपी का कहना है कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए यह उपयुक्त केस है।
ईडी ने टीएमसी नेता शंकर आध्या को किया गिरफ्तार
ईडी के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के राशन वितरण मामले में शुक्रवार देर रात उत्तरी 24 परगना जिले से तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया।शंकर आध्या, जो उसी जिले में बोंगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक में ईडी के कार्यालय में लाया गया है। उन्हें पहले मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा और फिर शनिवार दोपहर को कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां केंद्रीय एजेंसी के वकील उनकी ईडी हिरासत की मांग करेंगे।