जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी के समय दलबदल विरोधी कानून के बहाने BJP और केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा- राजीव गांधी ने राजनीति में दलबदल से आयाराम-गयाराम की बुराई को रोकने के लिए दलबदल विरोधी कानून बनाया। आज इस दलबदल काननू का तोड़ निकाल लिया है कि विधायकों से इस्तीफे दिलवा दीजिए। ऐसा कई राज्यों में हुआ है। इसी तरीके से चुनी हुई सरकारें बदल रही हैं। ऐसे हालात में देश चल रहा है। नई पीढी को समझना पड़ेगा। यह तब समझेंगे जब इतिहास पढेंगे। इतिहास वही बना पाते हैं, जो इतिहास का अध्ययन करते हैं। उसे समझते हैं। गहलोत राजीव गांधी जयंती पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा- आज सत्ता में बैठे लोग बात करते हैं परंपराओं की। व्यवहार में उनसे आलाेचना भी सहन नहीं होती। आलोचना करने वालों को तो देशद्रोही मानते हैं। जिस रूप में देश चल रहा है, उसकी हमें चिंता होनी चाहिए। नाम बदलना बड़ा आसान होता है, लेकिन इससे इतिहास नहीं बनता। तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने से इतिहास नहीं बदल सकते। नाम बदलना तो इनके फितरत में है। नाम बदलकर इतिहास बनाना मुश्किल है।
राजीव गांधी ने असम में सरकार को कुर्बान किया
गहलोत ने कहा- मैं राजीव गांधी के PM रहते हुए राज्य मंत्री के तौर पर उनके साथ अटैच था। उस वक्त असम अकॉर्ड पास किया। असम अकॉर्ड के समय वहां कांग्रेस की सरकार थी। अकॉर्ड का फैसला कांगेस सरकार को नुकसान कर रहा था। राजीव गांधी ने प्रफुल्ल कुमार महंतो और असम गण परिषद के लोगों को महत्व दिया। उस समय के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया। देश एक रहे, अखंड रहे, इसलिए राजीव गांधी ने असम में कांग्रेस की सरकार को कुर्बान किया।
18 साल के युवाओं को वोटिंग राइट देने का विरोध हुआ था
गहलोत ने कहा- राजीव गांधी ने देश में IT क्रांति के साथ देश को आगे बढ़ाने वाले फैसले किए। हर सेक्टर में उनके लिए फैसले मील का पत्थर साबित हुए। राजीव गांधी ने 18 साल के युवाओं को वोटिंग राइट का कानून बनाया। इस प्रावधान का उस वक्त पार्टी के भीतर और मंत्रियों ने भी विरोध किया था कि इससे नुकसान होगा। राजीव गांधी लोकतंत्र में युवाओं को भागीदारी देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने विरोध दरकिनार कर 18 साल के युवाओं को वोटिंग राइट देने का कानून बनाकर ही दम लिया।