जनगणना 2026: वेब पोर्टल के जरिए खुद गणना कर सकेंगे नागरिक, एंड्राइड-आईफोन के लिए बनेंगे एप

सरकार ने तय किया है कि एंड्राइड और आईफोन यूजर्स के लिए एप बनाया जाएगा। इस एप के जरिए आसानी से जनगणना से जुड़ी जानकारी भरी जा सकेगी। सरकार आसानी से यह जानकारी सुरक्षित डेटा पोर्टल पर अपडेट करेगी। इससे जनगणना की प्रक्रिया तेज होगी।

साल 2026 और 2027 में होने वाली जनगणना के लिए सरकार ने वेब पोर्टल और मोबाइल एप की मदद लेने का फैसला किया है। इन प्लेटफॉर्म के जरिए नागरिक खुद अपनी जानकारी सरकार तक पहुंचा सकेंगे। इस सुविधा से लोग खुद अपनी गणना कर सकेंगे। इससे जनगणना की प्रक्रिया तेज होगी। यह वेब पोर्टल राष्ट्रीय जनगणना के दोनों चरण के लिए उपलब्ध होगा। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि देश की पहली डिजिटल जनगणना में सरकार के प्रतिनिधि एंड्रॉयड और एप्पल मोबाइल फोन पर एप का इस्तेमाल कर नागरिकों के आंकड़े एकत्र करेंगे।

यह देश में पहली बार होगा, जब नागरिकों को एक विशेष वेब पोर्टल के जरिए खुद जानकारी भरने का मौका मिलेगा। यह पोर्टल जनगणना के दोनों चरण- मकान सूचीकरण और आवास जनगणना (एचएलओ) और जनसंख्या गणना के लिए उपलब्ध होगा। एक अधिकारी ने बताया, “डिजिटल जनगणना पहल जनगणना प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। पहली बार, डेटा एकत्र करने और इसे केंद्रीय सर्वर पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजने के लिए डिजिटल तकनीकि का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे जनगणना डेटा जल्दी एकत्र किया जा सकेगा।”

सर्वर की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय
जनगणना के दौरान डिजिटल रूप से डेटा जुटाने, डेटा ट्रांसफर करने और इसे सुरक्षित तरीके से स्टोर करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे। एचएलओ एक अप्रैल, 2026 से शुरू होगी और उसके बाद दूसरे चरण की प्रक्रिया एक फरवरी, 2027 से शुरू होगी, जिसमें जनसंख्या गणना की जाएगी। आगामी जनगणना में घर के सदस्यों की जातियों की गणना की जाएगी। जनगणना 2027 की शुरुआत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के बर्फ से ढके दुर्गम क्षेत्रों के लिए एक अक्टूबर, 2026 को रात 12 बजे शुरू होगी। वहीं, मैदानी इलाकों में इसकी शुरुआत एक मार्च, 2027 को रात 12 बजे से होगी।

34 लाख लोगों की होगी ट्रेनिंग
देश में जनगणना की शुरुआत के बाद से यह 16वीं और स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना होगी। इसके लिए 16 जून को अधिसूचना जारी की गई थी। भारत के महापंजीयक ने राष्ट्रीय प्रशिक्षक, मास्टर प्रशिक्षक और फील्ड प्रशिक्षक के लिए तीन स्तर के केंद्रित और आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। इस व्यापक कवायद के लिए फील्ड प्रशिक्षक लगभग 34 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। भारत के महापंजीयक ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में कोई भी प्रस्तावित परिवर्तन 31 दिसंबर से पहले करें। 31 दिसंबर तक हुए बदलावों को जनगणना के लिए अंतिम माना जाएगा।

एक फरवरी से 2027 से शुरू होगी जनगणना
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने कहा था कि जनगणना के लिए सभी गांवों और नगरों को एक समान गणना ब्लॉकों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक गणनाकार नियुक्त किया जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है, ताकि जनसंख्या गणना के दौरान किसी भी चूक या दोहराव से बचा जा सके। नियमों के अनुसार, जनगणना प्रशासनिक इकाइयों जैसे जिला, उप-जिला, तहसील, तालुका और पुलिस स्टेशन की सीमा निर्धारित होने के तीन महीने बाद ही की जा सकती है। नारायण ने कहा था कि एक अप्रैल 2026 से मकान सूचीकरण कार्य, पर्यवेक्षकों और गणनाकारों की नियुक्ति और उनके बीच कार्य विभाजन किया जाएगा और एक फरवरी 2027 से जनगणना शुरू होगी।

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