पिछले महीने तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में CDS बिपिन रावत समेत 13 सैन्य अधिकारियों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हादसे की जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आने के बाद माना जा रहा है कि हादसे के सही कारणों का पता चल सकेगा। इसके साथ ही समिति ने रक्षा मंत्री को कुछ सिफारिशें भी की हैं।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force ) के अधिकारियों ने सीडीएस ( CDS ) जनरल बिपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश ( Bipin Rawat Helicopter Crash ) हादसे की जांच रिपोर्ट बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी। अब इस रिपोर्ट के जरिए हादसे के सही कारणों को लेकर अहम खुलासा होने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट के बाद ये बात साफ होगी कि घने बादलों में चट्टानों से टकराने की वजह से ये हादसा हुआ या फिर इसके पीछे और भी कोई तकनीकी वजह जिम्मेदार रहीं। बताया जा रहा है कि आईएएफ की इस रिपोर्ट में हादसे को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्य और सिफारिशें भी हैं। इसका विस्तृत प्रजेंटेशन भी रक्षा मंत्री को दिया गया। बता दें कि दुर्घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की अध्यक्षता एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने की।
पिछले महीने 8 दिसंबर को हुए हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुए इस हादसे की जांच तीनों सेना की संयुक्त समिति ने की थी। जांच रिपोर्ट में दुर्घटना के कारणों की विस्तार से जानकारी समिति की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रिपोर्ट में हादसे के कारणों के साथ-साथ वीआईपी उड़ान के लिए भविष्य के हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सिफारिशें शामिल की गई हैं। भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी की अध्यक्षता में त्रि-सेवा जांच दल ने राजनाथ सिंह को एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
ये है महत्वपूर्ण सिफारिश
कई सिफारिशों के बीच जांच समिति की ओर से यह सुझाव दिया गया है कि चालक दल मास्टर ग्रीन और अन्य श्रेणी के पायलटों का मिश्रण होना चाहिए, ताकि यदि आवश्यक हो, तो वे जमीन पर स्टेशन से मदद ले सकें।
क्या है ‘मास्टर ग्रीन’
दरअसल तीन बलों के परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर बेड़े में सर्वश्रेष्ठ पायलटों को मास्टर ग्रीन श्रेणी दी जाती है, क्योंकि वे वही हैं जो कम दृश्यता में भी उतर सकते हैं या उड़ान भरने में सक्षण होते हैं।
दुर्घटना के विवरण को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक Mi-17V5 पहाड़ियों में एक रेलवे लाइन के पास उड़ रहा था, उसी दौरान अचानक उभरे घने बादल में घुस गया। हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था, ये जानकारी होते हुए भी चालक दल ने विमान उतारने का फैसला नहीं किया। आपात स्थिति का सुझाव देने के लिए ग्राउंड स्टेशनों पर कोई कॉल नहीं किया गया। ऐसे में विमान एक चट्टान से टकरा गया।
13 सैन्य अधिकारियों ने गंवाई जान
हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में 13 सैन्य अधिकारियों के अलावा जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत की भी मृत्यु हो गई थी। मृतकों में रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे।