संपादक कॉलम
दुनिया से जुड़कर भी मोबाइल माला से हम हो रहे अकेले!
शिव दयाल मिश्रामोबाइल ने आज माला को गायब कर दिया है। एक जमाना था तब भगवान में अटूट विश्वास रहता था। हर समय इंसान...
कहां से कहां आ गए हम!
शिव दयाल मिश्राकहते हैं कि बदलाव प्रकृति का नियम है। जो आज है वो कल नहीं और जो कल है वो परसों नहीं। मगर...
शुरू से अंत तक चुप रहो!
शिव दयाल मिश्रायूं तो दुनिया में बहुतेरे बड़बोले हैं जिनकी आदत ही बहुत ज्यादा बोलने की होती है। बातें चाहे मतलब की हो या...
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के मायने हार-जीत!
शिव दयाल मिश्रातीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन के बाद आखिर केन्द्र सरकार ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा...
‘दिव्यांगÓ शब्द की सार्थकता!
शिव दयाल मिश्रादुनियां में एक-दूसरे से सम्पर्क करने के लिए भाषा का जन्म हुआ। पृथ्वी पर सैकड़ों देश हैं। उन देशों में अपनी-अपनी भाषा...