नई दिल्ली। राज्यसभा में बिल पास करवाना अब BJP के लिए टेढ़ी खीर होने वाला है। BJP और उसकी सहयोगी पार्टियों के पास अभी राज्यसभा में 114 सीटें हैं, इसमें से BJP के पास 97, JDU के पास 5, AIDMK के पास 5, निर्दलीय के पास 1 और छोटे दलों के पास 6 सीटें हैं, लेकिन जल्द ही यह स्थिति बदलने जा रही है। अप्रैल से अगस्त के बीच राज्यसभा की 70 सीटों पर चुनाव होना है।
114 से 107 पर आ जाएगा आंकड़ा
BJP की सीधे तौर पर 5, AIADMK की 1 और निर्दलीय की 1 सीट कम हो जाएगी। इसके बाद संख्या बल 114 से घट कर 107 पर आ जाएगा। ऐसे में यदि सहयोगी दलों ने आंखें दिखाईं और BJD, YSR कांग्रेस का सहयोग नहीं मिला तो राज्यसभा में किसी बिल को पास कराना BJP के लिए बेहद मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और UP में अगर सीटें कम आईं तो राज्यसभा में BJP सांसदों की संख्या और कम हो सकती है, क्योंकि इन राज्यों में राज्यसभा की 19 सीटें हैं। यहां की तस्वीर 10 मार्च के बाद साफ हो जाएगी।
स्वामी विदा होंगे, BJP से भी दूर जा सकते हैं
चाय की प्याली में सियासी तूफान उठाकर केंद्र की अटल बिहारी बाजपेयी सरकार को एक वोट से गिराने वाले सुब्रमण्यम स्वामी भी राज्यसभा से विदा हो जाएंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके साथ ही वे BJP से भी जुदा हो जाएंगे।
केंद्र सरकार पर लंबे समय से हमलावर स्वामी का राज्यसभा से कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। बीते दिनों में उन्होंने जिस तरह से सरकार को निशाने पर लिया है, उसके बाद उन्हें दोबारा चुने जाने के चांस न के बराबर हैं। BJP के टॉप सोर्सेस के मुताबिक, उन्हें न ही अब नॉमिनेट किया जाएगा और न किसी दूसरे राज्य से राज्यसभा भेजा जाएगा।
BJP के साथ ही कांग्रेस के भी कई दिग्गजों का राज्यसभा से कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसमें कांग्रेस के बागी गुट G-23 में शामिल नेता आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल के अलावा केरल से आने वाले एके एंटनी और पंजाब से अंबिका सोनी शामिल हैं। पंजाब से राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। इन नेताओं के भी दोबारा नॉमिनेट होने की संभावना नहीं है, और इसकी अपनी वजहें हैं।
बीजेपी को कहां और क्यों नुकसान होगा, समझें गणित
राजस्थान : BJP के चार राज्यसभा सांसदों ओम प्रकाश माथुर, राम कुमार वर्मा, हर्ष वर्धन सिंह और अल्फोंस का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है।
अब क्या होगा : अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस के खाते में दो और BJP के खाते में एक ही सीट जाएगी, जबकि चौथी सीट के लिए कांग्रेस और BJP के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है। वोट मैनेजमेंट में माहिर अशोक गहलोत अपने गणित में सफल हुए तो यहां BJP को सिर्फ एक ही सीट पर भी संतोष करना पड़ सकता है।
झारखंड : राज्यसभा से मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार की दो सीटों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। फिलहाल ये दोनों ही सीटें BJP के खाते में हैं ।
अब क्या होगा : अब प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। ऐसे में BJP की एक सीट कम होना तय है।
आंध्र प्रदेश : राज्य से आने वाले वाईएसआर से वीवी रेड्डी और भाजपा से सुरेश प्रभु, वाईएस चौधरी, टीजी वेंकटेश यानी चार राज्यसभा सीटों का कार्यकाल 21 जून को पूरा हो जाएगा। अभी यहां की 4में से 3 सीटों पर BJP और एक पर YSR कांग्रेस का कब्जा है।
अब क्या होगा : BJP के पास यहां तीन सीटें इसलिए थीं, क्योंकि वो चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगु देशम पार्टी (TDP) के साथ गठबंधन में थी, लेकिन 2018 में यह गठबंधन टूट चुका है और अब BJP आंध्र में सरकार में नहीं है। अब वहां YSR कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में यहां BJP की 3 सीटें कम होना तय है। चारों सीटों पर YSR कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा।
महाराष्ट्र : छह राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को पूरा हो रहा है। 6 में से 3 सीट BJP के पास और 1-1 सीट NCP, कांग्रेस और शिवसेना के पास है। भाजपा से पीयूष गोयल, विनय सहस्रबुद्धे, विकास महात्मे, NCP के प्रफूल पटेल, कांग्रेस के पी चितंबरम और शिवसेना से संजय राउत का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
अब क्या होगा : राज्य में BJP अब सत्ता में नहीं है। ऐसे में संख्या बल के अनुसार पार्टी की सीट कम होंगी।
छत्तीसगढ़ : राज्यसभा की दो सीटों पर 29 जून से पहले चुनाव हो जाएंगे। फिलहाल 2 में से 1 सीट BJP और दूसरी कांग्रेस के पास है। इसमें रामविचार नेताम और कांग्रेस से छाया वर्मा शामिल हैं।
अब क्या होगा : विधानसभा में विधायकों की संख्या के अनुसार अब दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में चली जाएंगी। ऐसे में BJP को छत्तीसगढ़ से 1 सीट का नुकसान होगा।
इन राज्यों में नहीं होगा कोई बदलाव
मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश की राज्यसभा की तीन सीटों का कार्यकाल 29 जून को खत्म हो जाएगा। इसमें BJP से एमजे अकबर, संपतिया उइके और कांग्रेस से विवेक तन्खा शामिल हैं, लेकिन संख्या बल के अनुसार आगे भी यथास्थिति बनी रहेगी।
हरियाणा : BJP के राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार और निर्दलीय सुभाष चंद्रा का कार्यकाल एक अगस्त को खत्म हो रहा है। भाजपा की एक सीट पक्की है, जबकि दूसरी सीट कांग्रेस को मिल सकती है।
बिहार : बिहार की पांच सीटों का कार्यकाल सात जुलाई को खत्म हो रहा है। BJP के दो, JDU के एक, RJD के एक और एक शरद यादव की सीट को लेकर चुनाव होंगे। संख्या बल के लिहाज से BJP के दो, JDU एक और RJD को दो सीटें मिलने की उम्मीद है।
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असम : असम से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा और रानी नारा का कार्यकाल दो अप्रैल को खत्म हो रहा है। अब वहां BJP की सरकार है। विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस की एक सीट कम हो जाएगी, जबकि BJP के खाते में एक सीट बढ़ जाएगी।
हिमाचल : हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा का कार्यकाल भी 2 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा, लेकिन राज्य में BJP की सरकार है। ऐसे में यह सीट अब कांग्रेस के हाथ से निकल चुकी है। इस सीट पर BJP से कोई व्यक्ति निर्वाचित होकर राज्यसभा में पहुंचेगा।
त्रिपुरा : त्रिपुरा से CPM के राज्यसभा सांसद झरना दास का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। राज्य में अब BJP की सरकार है। ऐसे में यह सीट BJP के खाते में चली जाएगी।
निष्कर्ष : कुल 8 राज्यों में से 5 राज्यों में BJP की 8 सीटें कम होंगी लेकिन 3 राज्यों से 3 सीटें बढ़ेंगी भी। इस हिसाब से BJP को कुल 5 सीटों का नुकसान होगा।
राज्यसभा की 19 सीटें UP, पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव नतीजे से तय होंगी
UP, पंजाब और उत्तराखंड BJP और विपक्षी पार्टियों के लिए सिर्फ विधानसभा के नजरिए से ही अहम नहीं हैं, बल्कि राज्यसभा के लिहाज से भी बहुत जरूरी हैं, क्योंकि इन तीनों राज्यों के चुनाव सीधे तौर पर राज्यसभा के लिए 19 सीटों पर होने वाले चुनाव पर असर डालेंगे। यदि इन राज्यों में BJP नेतृत्व वाले NDA के विधायकों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ तो राज्यसभा में विपक्ष मजबूत होकर सामने आएगा, जिससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार की ओर से राज्यसभा में पास कराए जाने वाले तमाम बिलों को पास कराना आसान नहीं होगा। अभी 19 सीटों में से 6 BJP, 5 कांग्रेस, 3 सपा, 3 शिरोमणि अकाली दल, 2 BSP के पास हैं।