बीकानेर के मशहूर डॉ.अरविंद मोहता ने कर दिखाया कमाल,फेकिक लेंस प्रत्योरापण द्वारा मरीज का माइनस-11 नम्बर चश्मा हटा दिया,पढ़े खबर

बीकानेर के मशहूर डॉ. अरविंद मोहता ने कर दिखाया कमाल,फेकिक लेंस प्रत्योरापण द्वारा मरीज का माइनस-11 नम्बर चश्मा हटा दिया,पढ़े खबर

बीकानेर@जागरूक जनता। डॉक्टर को धरती का भगवान व फरिश्ते जैसे कई अनगिनत शब्दों से बड़े ही आदर से पुकारा जाता है, सही मायने में इसके पीछे बड़ा ही सरल लॉजिक है कि डॉक्टर के रूप में ये फरिश्ते अपने हौसले और सच्ची लगन निष्ठा से बुझी हुई जिन्दगियों को रोशन कर देते है । ऐसा ही कमाल बीकानेर के मशहूर फेको एवम रिफ्रेक्टीव सर्जन डॉ. अरविन्द मोहता ने कर दिखाया है । डॉ.मोहता ने 24 वर्षीय युवती के आंखों का ऑपरेशन कर आधुनिक पद्दति से बीकानेर मे पहली बार V2.0 IPCL क्वालिटी का फेकीक लेन्स लगाकर उसका माइनस 11 नम्बर का चश्मा हटा दिया ।

बीकानेर के एम. एन. हास्पिटल एवम रिसर्च सेन्टर में सेवारत टापिकल फेको एवम रिफ्रेक्टीव सर्जन डॉ. अरविन्द मोहता ने बताया कि 24 वर्षीय एक युवती के
दोनो आँखों मे माइनस 11 न. का चश्मा लगा हुआ था, तथा युवती का लेसिक लेजर द्वारा ऑपरेशन सम्भव नही था । मरीज को चश्मे का नम्बर ज्यादा होने की वजह से अगर वो चश्मा नही लगाती थी, तो उसे एक फीट से ज्यादा नजर नही आता । इस स्थति में मरीज को या तो बहुत ज्यादा नम्बर का चश्मा लगाना पडता था, या इससे बचने के लिये कान्टेन्ट लेंस लगाने पड़ते थे । परेशानी ये थी कि मरीज कान्टेन्ट लेंस लगाकर ना वो सो सकती थी । वंही उससे इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता था तथा उन्हे रात को रोज हटाना पडता था । सबसे बड़ी परेशानी ये थी कि पीड़ित मरीज मरीज की तीन माह बाद शादी है जिसमे मरीज को और भी ज्यादा असुविधा होती । वंही पीड़ित मरीज की कर्निया की मोटाई लेसिक लेजर के लिये उपयुक्त नही थी तथा चश्मे के नम्बर भी ज्यादा होने के वजह से लेसिक पद्वति द्वारा आपरेशन सम्भव नही था । ऐसे में मरीज की आँख की पुतली की मोटाइ वाईट टू को जयपुर से डिजिटल केलीपर मंगवा कर लेंस के पावर की गणना करके V2.0 IPCL लगाने का निर्णय लेकर मरीज को लेंस प्रत्यारोपित किया गया । लेंस लगाने के बाद मरीज की दोनो आंखों मे सामान्य रोशनी (6/6) पाई गई । डॉ. मोहता ने बताया कि इस तरह का ऑपरेशन करके फेकीक लेन्स का प्रत्यारोपण बीकानेर मे पहली बार किया गया है ।

एम. एन हॉस्पिटल एवम रिसर्च सेन्टर के निदेशक मोहम्मद अली ने बताया कि आंखो के मरीजो को अब बीकानेर से महानगरो की तरफ जाने की जरूरत नही होगी । क्योंकि इस प्रकार की अत्याधुनिक ऑपरेशन पद्वति बीकानेर के एम. एन हॉस्पिटल में अब नियमित रूप से डॉ. अरविन्द मोहता द्वारा नियमित की जाती है ।

उल्लेखनीय है, बीकानेर सहित देश प्रदेश में मशहूर डॉ. अरविंद मोहता अपनी इसी साहसिक काबिलियत के बलबूते अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवा चुके है । वंही डॉ. मोहता अपनी निःस्वार्थ सेवाएं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आंखों के लगने वाले केम्प में देते आये है, साथ ही गरीब व असहाय मरीजों की मदद को हमेशा तत्पर रहते है ।

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