भारतीय जीवजन्तु कल्याण बोर्ड के मनीष सक्सेना के प्रयास रंग लाये
जयपुर। एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत सरकार के प्रतिनिधि एवं वर्ल्ड संगठन के निदेशक मनीष सक्सेना के प्रयासों से गर्मियों में राज्य भर के बोझ ढोने वाले पशुओं को दोपहर में तीन घंटे काम कराने से रोक पर निर्देश प्रसारित हुए हैं। एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि एडवोकेट मनीष सक्सेना ने बतलाया प्रदेश में गर्मी की लहर के साथ तापमान में अचानक वृद्धि हुई है l जैसे जैसे पारा चढ़ रहा है वैसे वैसे बोझ ढोने वाले पशुओं जैसे घोड़ा, गधा, खच्चर, बैल और भैंस इत्यादि को बोझा ढोने से अनावश्यक पीड़ा, हीट स्ट्रोक तथा अकाल मृत्यु होने की संभावना बढ़ गई है।
एडवोकेट मनीष सक्सेना ने बताया कि पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 3 के अनुसार किसी पशु को पालने वाले व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह उस पशु के कल्याण हेतु ऐसे उपाय सुनिश्चित करें जिससे उसे अनावश्यक पीड़ा तथा यातना ना झेलनी पड़े l इसी प्रकार परिवहन तथा कृषि पशुओं पर क्रूरता निवारण नियम, 1965 के नियम 6 का उपनियम 3 के अनुसार जिन क्षेत्रों में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है वहां दोपहर को 12 से 3 बजे के बीच पशु को उपयोग में लेना उक्त अधिनियम व नियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है l
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के आधार पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि मनीष सक्सेना ने राजस्थान राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड से राजस्थान राज्य के लिए निर्देश प्रसारित करायें हैं साथ ही पशु मालिक को पशुओं के लिये भोजन, पानी एवं छाया की पर्याय व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित राज्य की समस्त ज़िला पशु क्रूरता निवारण समिति इस आदेश की पालना सुनिश्चित करेगी साथ ही अवहेलनाओं पर कार्रवाई करेगी।
वर्ल्ड संगठन की उपनिदेशक नम्रता ने सभी नाागरिको से अपील है कि इस गर्मियों मे प्रत्येक नागरिक को एकजुट होकर, अपने घरो के आस पास पशुओं के लिए प्रतिदिन स्वच्छ जल भरेने की व्यवस्था कर बेसहारा तथा बोझा ढोने वाले पशुओं को हीट स्ट्रोक तथा अकाल मृत्यु से बचाने के पुनीत कार्य में सहयोग प्रदान करें ।