भारत-फ्रांस का युद्धाभ्यास:भोर होते ही लड़ाकू विमानों की तेज गर्जना से गूंजा जोधपुर, फाइटर्स ने आसमान में एक-दूसरे पर दागी डमी मिसाइल्स

  • जोधपुर में गुरुवार को राफेल की उड़ान के साथ युद्धाभ्यास पूरी तरह से शुरू हो गया।
  • जोधपुर का साफ मौसम दोनों देशों के पायलट्स को रास आया

जोधपुर। न केवल एयरबेस बल्कि पूरा जोधपुर शहर गुरुवार को पौ फटने के साथ ही फाइटर्स जेट की गर्जना से गूंज उठा। इसके साथ ही भारत-फ्रांस की एयर फोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट-21 पूरी शिद्दत के साथ शुरू हो गया। एक के बाद एक करके सबसे पहले दोनों देशों के राफेल फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी। इसके बाद सुखोई व मिराज भी आसमान में अठखेलिया करते नजर आए। जोधपुर का साफ मौसम भी दोनों देशों के पायलट्स को रास आया। दोनों देशों का यह युद्धाभ्यास 24 जनवरी तक चलेगा।

देर रात युद्धाभ्यास की रणनीति तैयार की गई
दोनों देशों के फाइटर्स सहित अन्य विमान बुधवार को जोधपुर पहुंच गए थे। पहले दिन दोनों टीमों ने एक-दूसरे से परिचय लिया। इसके बाद देर रात तक वार रूम में युद्धाभ्यास की रणनीति तैयार की गई। फिर तय रणनीति के मुताबिक, आज सुबह जल्दी दोनों देशों की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ एयरबेस पर आ डटी। थोड़ी देर में सबसे पहले फ्रांस के राफेल्स ने उड़ान भरी। फिर एक के बाद एक कर कई विमान देखते ही देखते आसमान में छा गए और कुछ ही पलों में आंखों से ओझल हो गए।

जोधपुर से पाकिस्तान की सीमा के बीच चलेगा युद्धाभ्यास
युद्धाभ्यास जोधपुर से पाकिस्तान की सीमा के बीच चलेगा। मुक्त आसमान में पहुंचते ही दोनों टीम अलग-अलग फॉरमेशन में अपनी पॉजिशन में आ गई। इसके बाद शुरू हुआ एक-दूसरे को छकाते हुए उनके वायु क्षेत्र में प्रवेश करने का दौर। दो टीम में से एक हमलावर और दूसरी रक्षात्मक टीम थी। हमलावर टीम को विपक्षी टीम के सुरक्षा कवच को भेदते हुए अंदर प्रवेश कर आक्रमण करना था। दोनों टीमों ने हवा से हवा में एक-दूसरे के विमान पर डमी मिसाइल्स दागी। हमलावर टीम को इन मिसाइल के हमलों को विफल करते हुए आगे बढ़ना होता है। करीब डेढ़ घंटे तक आसमान में एक-दूसरे की क्षमता को परखने के बाद सभी फाइटर्स वापस एयरबेस पर लौट आए। नीचे उतरते ही सभी पायलट्स वार रूम पहुंचे। वहां पर उनकी उड़ान का पूरा लेखा-जोखा लेकर विशेषज्ञ तैयार बैठे थे।

वार रूम से विशेषज्ञ रखेंगे नजर
एयरबेस पर वार रूम बनाया गया है। इसमें दोनों देशों के विशेषज्ञ बैठकर आसमान में उड़ान भरने वाले हर विमान की गतिविधि पर बारीकी से नजर रखते हैं। इनके दिशा-निर्देश पर ही दोनों लड़ाकू विमानों के बीच युद्धाभ्यास चलता है। सब कुछ ऑन रिकॉर्ड होता है। पायलट्स के ग्राउंड पर लौटते ही उनकी परफॉरमेंस की पूरी रिपोर्ट ये विशेषज्ञ तैयार रखेंगे। वे अभियान के दौरान उजागर होने वाली खामियों के बारे में बताएंगे। ऐसा करने से पायलट्स को अपनी गलतियों में सुधार करने का मौका मिलता है।

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