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3 State CM: भाजपा ने शुक्रवार को तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान कर दिया।

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए शुक्रवार को पर्यवेक्षकों को नियुक्त कर दिया। गुरुवार से ही ये खबर आ रही थी कि भाजपा शुक्रवार को पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान करेगी। जानिए किसे कहां की मिसी जिम्मेदारी…

तीनों राज्यों के लिए तीन-तीन पर्यवेक्षक
राजस्थान के लिए भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा सांसद सरोज पांडे विनोद तावड़े को नियुक्त किया है। वहीं, मध्य प्रदेश के लिए पार्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, के लक्षमण, आशा लकड़ा और छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय मंत्री सर्वानन्द सोनेवाल, कृषी मंत्री अर्जुन मुंडा और दुष्यंक गौतम को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली जीत के बाद उन्हीं चेहरों को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, जो डबल इंजन सरकार फॉर्मूले में फिट बैठे। पार्टी का मानना है कि जनता ने तीनों राज्यों में जिस तरह से स्पष्ट बहुमत दिया है, उससे पार्टी पर काम करने का बहुत दबाव है। जनता की अपेक्षाएं तेजी से पूरी होंगी तभी तीनों राज्यों में 2024 की सभी लोकसभा सीटें जीतने का टारगेट पूरा हो सकेगा।

राज्यों में ऐसा नेता चाहिए जो पार्टी को प्रसिद्धि दिलाने के लिए कार्य करने वाला हो न कि खुद को। खासकर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ऐसे चेहरे को कमान देने की तैयारी है जो पार्टी और परफॉर्मेंस दोनों के मोर्चे पर खुद को साबित कर सके।

आज तय हो सकते हैं ऑब्जर्बर
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शुक्रवार की सायं तक तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों के नाम तय हो सकते हैं। रविवार तक विधायक दल की बैठक हो सकती है। इसकी सूचना विधायकों को समय रहते मिलेगी। शीर्ष नेतृत्व ने तीनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री और सांसदों से भी चेहरे को लेकर रायशुमारी की है। सभी प्रमुख नेताओं की मजबूती और कमजोरी शामिल करते हुए प्रोफाइल तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा विधायकों की सहमति के बाद
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इसको लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व बहुत गोपनीयता बरत रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा विधायक दल की बैठक की गरिमा बनाए रखने के लिए किया जा रहा है।

अगर दिल्ली से ही चेहरे की घोषणा हो जाए तो फिर राज्य की राजधानी में होने वाली विधायक दल की बैठक का औचित्य ही क्या रह जाएगा? जब विधायक दल की बैठक आधी पहो चुकी होगी, तब जाकर ऑब्जर्वर आधिकारिक रूप से किसी चेहरे की घोषणा करेंगे। शीर्ष नेतृत्व जो भी तय करेगा, उसके नाम की घोषणा विधायकों की सहमति के बाद ही की जाएगी।

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