सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ा आंगनवाड़ी केंद्र,मौत के साये में ड्यूटी दे रहे कार्यकर्ता,लेकिन जिम्मेदारों को आई नींद!
बीकानेर@जागरूक जनता। कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत उम्मीद से ज्यादा महसूस की गई है लेकिन इस उम्मीदों को तोड़ने वाली तस्वीरें बड़े महानगरों से लेकर शहरों व कस्बों से लगातार सामने आ रही है वंही अगर गांवों की बात करे तो वंहा स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात बहुत दयनीय है जंहा इसे सरकार की उदासीनता कहे या फिर लोकल जनप्रतिनिधियों की नाकामी । कुछ ऐसी ही दम तोड़ती तस्वीरें लूणकरणसर तहसील के ग्राम पंचायत खारड़ा से सामने आई है जंहा गांव के वार्ड 6 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र इतना जर्जर हो चुका है कब ढह जाए यानि कब जमीदोंज हो जाए कोई पता नही ! गांव के सामाजिक कार्यकर्ता पीरा चौधरी ने बताया कि इस आंगनवाड़ी केंद्र में सरकारी गतिविधियां संचालित हो रही है जबकि इस केंद्र की नीवें लगभग खत्म हो चुकी है इसका लगभग हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है लेकिन सरकार की उदासीनता व लोकल जनप्रतिनिधियों की बेरूखी के चलते इस आंगनवाड़ी में काम करने वाले मौत के साये में पल-पल व्यतीत कर रहे है । सामाजिक कार्यकर्ता पीरा चौधरी ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र की तरफ सरकार ने जल्द ही ध्यान नही दिया तो बड़ा हादसा होते देर ना लगेगी । ऐसे में जिम्मेदारों से बड़ा सवाल है कि क्या कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार किया जा रहा है ??