बूंदी पहुंचने पर मंत्री परसादी लाल मीणा की स्थानीय प्रशासन ने आगवानी की। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में उनके लिए बाकायदा रेड कारपेट बिछाया गया और गार्ड ऑफ़ होणार भी दिया गया।
जयपुर। प्रदेश में कोरोना के भयावह हालात हैं और इस महामारी ने अब तक हजारों-लाखों लोगों को लील लिया है। दर्जनों बच्चे यतीम हो चुके हैं, लेकिन ऐसे माहौल में भी मंत्री को रेड कारपेट खूब सुहा रहा है। दरअसल, मामला राजस्थान के बूंदी ज़िले का है जहां शुक्रवार को प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा कांग्रेस संगठन के एक कार्यक्रम के सिलसिले में पहुंचे हुए थे।
दरअसल बूंदी पहुंचने पर मंत्री परसादी लाल मीणा की स्थानीय प्रशासन ने आगवानी की। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में उनके लिए बाकायदा रेड कारपेट बिछाया गया और गार्ड ऑफ़ होणार भी दिया गया। कोरोना संक्रमण काल में जब बूंदी ज़िले में भी कई लोग अपनी जान गँवा बैठे हैं, इस बीच मंत्री का ‘रेड कार्पेट वेलकम’ चर्चाओं में बना हुआ है।
गौरतलब है कि अकेले बूंदी के मुक्तिधाम में ही 100 से अधिक लोगों का दूसरी लहर में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हो चुका है। इन हालातों में अब सवाल ये उठ रहे हैं कि मंत्रियों की आवभगत को तरजीह देना कितना उचित है?
प्रभारी मंत्री केंद्र सरकार के वैक्सीन नहीं देने के मामले में कांग्रेस की ओर से कलक्टर को ज्ञापन देने और कोविड नियंत्रण स्थिति की समीक्षा करने आए थे। इस दौरान खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना भी उनके साथ मौजूद रहे।
मंत्री देर तक सर्किट हाउस में ही रुके, लेकिन नजदीक ही स्थित जिला चिकित्सालय का जायजा लेने नहीं पहुंचे। जब पत्रकारों ने इस मामले में उनसे सवाल किये तो जवाब दिया कि अभी सिर्फ केंद्र सरकार के खिलाफ ज्ञापन देने आए हैं।