गहलोत गुट के साथ ही सचिन पायलट खेमा भी चाहता है संगठन विस्तार में अपने लोगों की नियुक्ति, डेढ़ दर्जन जिला अध्यक्षों के पदों पर सचिन पायलट खेमे के लोगों का दावा, संगठन विस्तार की कवायद अब नए सिरे से शुरू होगी
जयपुर। त्रिमंडल विस्तार,फेरबदल टलने के बाद अब संगठन विस्तार पर भी संशय के बादल मंडराने लगे हैं। संगठन विस्तार को भी अब 2 महीने और आगे टालने की तैयारी है। बताया जाता है कि इसकी एक वजह संगठन विस्तार और जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर शुरू हुई जबरदस्त लॉबिंग को माना जा रहा है, जिसके चलते फिलहाल अब संगठन विस्तार को भी 2 माह तक टाले जाने की बात कही जा रही है।
माना जा रहा है कि अब जुलाई माह के बाद ही पहले कैबिनेट विस्तार होगा और उसके बाद ही संगठन फेरबदल और विस्तार की कवायद दोबारा नए सिरे से शुरू होगी।
सचिन पायलट कैंप की मजबूत दावेदारी
विश्वस्त सूत्रों की माने तो संगठन विस्तार में सचिन पायलट खेमा अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा एडजस्ट करना चाहता है। तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा जिलाध्यक्षों के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तार में भी पायलट अपने समर्थकों को एडजस्ट कराने में लगे हुए हैं, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, भंवर जितेंद्र सिंह भी अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं।
ऐसे में किसी भी एक नाम पर आम राय नहीं बनने के चलते विस्तार को फिलहाल अभी टालने की तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि इसके लिए मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद दोबारा नए सिरे से कवायद शुरू होगी।
जयपुर शहर-देहात पर भी पायलट कैंप की नजर
जानकारों का कहना है कि जयपुर शहर और जयपुर देहात जिलाध्यक्षों के पद पर भी सचिन पायलट खेमा जबरदस्त लॉगिन कर रहा है। सचिन पायलट जयपुर शहर और देहात में भी अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं।
जयपुर जिले को लेकर हो रही लॉबिंग की एक वजह ये भी है कि राजनीति के लिहाज से भी जयपुर जयपुर जिले को बेहद प्रभावशाली माना जाता है। पार्टी के तमाम बड़े आयोजन अधिकांश जयपुर में ही आयोजित किए जाते हैं ऐसे में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता जयपुर देहात और जयपुर से अध्यक्ष पद के लिए भी लॉबिंग में जुटे हुए हैं और अपने लोगों को एडजस्ट कराने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रदेश कार्यकारिणी में समर्थकों को एडजस्ट कराया था पायलट ने
इससे पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की 39 सदस्यीय छोटी प्रदेश कार्यकारिणी में भी सचिन पायलट अपने समर्थकों को एडजस्ट कराने में सफल रहे थे। अपने समर्थक विधायकों वेद प्रकाश सोलंकी, जीआर खटाणा और राकेश पारीक को जहां कार्यकारिणी में प्रदेश महासचिव बनवाया तो वहीं पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी और नसीम अख्तर इंसाफ को उपाध्यक्ष बनवाया था। इसके अलावा प्रशांत सहदेव शर्मा और महेंद्र सिंह खेड़ी को भी कार्यकारिणी में सचिव बनाकर एडजस्ट कराया, वहीं एक दर्जन जिलाध्यक्षों के पदों पर अपने समर्थकों एडजस्ट कराना चाहते हैं।