कृषि की उन्नत तकनीकी को किसानों तक पहुंचाने का सुदृढ़ माध्यम- कृषि विज्ञान केंद्र -कुलपति डॉ बलराज सिंह

जोबनेर . श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय के द्वारा प्रसार शिक्षा परिषद की तीसरी मीटिंग का आयोजन किया गया l उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ बलराज सिंह ने उद्घाटन भाषण में कहा कि इस परिषद के द्वारा किसानों के फीडबैक पर चर्चा करने तथा भविष्य में तकनिकी हस्तान्तरण के लिए अनुसंधान में सुधार करने के उद्देश्य से इस प्रकार की मीटिंग आयोजित की जाती हैं l साथ ही बताया कि बाजार माँग, उपभोक्ता की आवशयकता के अनुसार ही अनुसंधान करने एवं कृषि विज्ञान केंद्रो के द्वारा किसानों तक नवीन तकनीकियों को पहुंचाना मुख्य उद्देश्य है l

माननीय कुलपति महोदय ने कहा कि केवीके अजमेर को मेरिगोल्ड और गुल्दावदी की नई किस्मों को बढ़ावा देने, घर की छत पर खेती, संरक्षित खेती को बढ़ावा देनेl केवीके, अलवर को खरीफ प्याज का जिले में एरिया बढ़ाने, ज्वार की मल्टीकट किस्मों मे दिव्उद्देश्य वाली किस्मों को बढ़ावा देने, सरसों वाले एरिया में खेत के चारों तरफ सौंफ की 3-4 लाइन उगाने के लिए किसानों को प्रेरित करने का कहा केवीके फतेहपुर को ईद एवं रोजा के समय को ध्यान में रखकर तरबूज की बुवाई करने को प्रेरित करने, पान मेथी, कसूरी मेथी, काचरी तथा काकडी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कहा l केवीके, दौसा को जिले में सौंफ का एरिया बढ़ाने के साथ ही मधुमक्खी पालन करने के लिए कहा निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुदेश कुमार ने प्रसार शिक्षा निदेशालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रो के द्वारा पिछली प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक के सुझावों एवं विभिन्न मुद्दों पर की गई कार्यवाही की प्रगति का प्रस्तुतीकरण किया तथा कृषि विज्ञान केंद्र एवं निदेशालय द्वारा किए गए नवाचारों तथा विभिन्न संस्थानों के साथ किए गए समझौता हस्ताक्षर, विश्वविद्यालय के गोद लिए गांव पचार तथा सुंदरपुरा में विगत तीन-तीन वर्षों में किये गए कार्यों की समीक्षा कृषि विज्ञान केंद्रों पर संचालित विभिन्न प्रोजेक्ट, सीड हब मे किसानों के खेतों पर सहभागिता के माध्यम से गुणवत्ता युक्त बीजों का उत्पादन करने, सेंजना की पतियों का पावडर पैकिंग करके किसान उत्पादक संघटन के सहयोग से मार्केटिंग करने, केवीके, अलवर द्वारा किये गए लाइट ट्रैप के नवाचार मे पकड़े गए बीटल का मुर्गियों के आहार में उपयोग मे लेना, सभी केवीके पर संचालित सफल IFS मॉडल की रिपोर्ट भी सभी सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत की गई l

साथ ही इस वर्ष खरीफ से सभी केवीके पर शुरू किये गए संध्या कालीन चौपाल कार्यक्रमों की सफलता की जानकारी देते हुए भविष्य में इसके साथ बीज रथ चलाने, खरीफ तथा रबी मे बीज मेला के आयोजन करने की योजना के बारे में भी बताया l इसके पश्चात् सभी कृषि विज्ञान केंद्रो के वरिष्ठ वैज्ञानिक अध्यक्ष द्वारा अपने-अपने कृषि विज्ञान केंद्रो कि वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक आयोजित किए गए प्रशिक्षणों, प्रदर्शनों, तथा कृषि प्रसार के विभिन्न कार्यों की प्रगति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया l इसके बाद मीटिंग में मौजूद कृषि पंडित एवं पदम श्री अवार्ड प्राप्त प्रगतिशील कृषक सुंडा राम जी ने कनकोडा (बाड करेला), काचरी, काकड़ी की खेती को बढ़ावा देने, प्रगतिशील कृषक खेमा राम जी ने संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण आयोजित करने हेतु सुझाव दिया तथा खीरा के गुणवतायुक्त सस्ते बीज की उपलब्धता के लिए सुझाव दिया, दौसा से आये प्रगतिशील कृषक श्याम सुंदर शर्मा ने भी किसानों के हित में खेती को लाभप्रद बनाने के लिए भविष्य में लवणीय पानी के उपयोग एवं उनसे उगायी जाने वाली फसलों के संबंध में नये अनुसंधान और इनका अधिकाधिक प्रचार प्रसार करने के अपने सुझाव दिये l

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ जे.पी.एस. डबास ने अपने सुझाव मे कहा कि सभी कृषि विज्ञान केंद्र अच्छा कार्य कर रहे है लेकिन भविष्य में सुधार के लिए कृषक उत्पादक संघठन के साथ सफल किसानों को जोड़कर उनके उत्पादों की बिक्री बढ़ाने, ऐसे किसानों द्वारा किसान मेले में स्टॉल लगाने, युवाओं को स्टार्ट-अप के लिए आगे लाये, सभी केवीके द्वारा सफल किसानों की सफलता की कहानियों को यू-ट्यूब चैनल पर दिखाये, प्रत्येक केवीके पर इन किसानों के उत्पादों का डिस्प्ले/ प्रदर्शनी लगाने, तथा बायो गैस संयंत्र स्थापित करने का सुझाव दिया l
इस कार्यक्रम मे इफको के स्टेट हेड डॉ मान सहित विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशकगण, विभागाध्यक्ष एवं कृषि विज्ञान केंद्रो के वरिष्ट वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष तथा कृषक प्रतिनिधि सहित अन्य वैज्ञानिकों ने भाग लिया। अंत में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ सुदेश कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया l

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