प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप में ह्वाइट हाउस में हुई वार्ता के बाद अब भारत में परमाणु रिएक्टरों का जाल बिछाने की तैयारी है। इससे भारत की परमाणु ऊर्जा ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
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वाशिंगटनः भारत अब परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल करने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में परमाणु रिएक्टरों का जाल बिछाना चाहते हैं। इस काम में अब अमेरिका सहयोगी बनेगा। भारत में परमाणु रिएक्टरों की स्थापना करने में अमेरिका मदद करेगा। पीएम मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई वार्ता में यह फैसला लिया गया है। ट्रंप ने भारत में परमाणु रिएक्टरों की संख्या बढ़ाने में पूरा सहयोग देने का वादा किया है।
भारत में अधिक परमाणु रिएक्टरों का जाल बिछाने के लिए पीएम मोदी ट्रंप का बड़ा परमाणु प्रयास शुरू हो गया है। यह साल 2008 में ऐतिहासिक भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद किया जाने वाला सबसे बड़ा प्रयास माना जा रहा है। हालांकि उस दौरान परमाणु वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई। अब इसे फिर शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु ऊर्जा में अपने विश्वास की पुष्टि की है।
अमेरिका द्वारा डिजाइन परमाणु रिएक्टरों की होगी स्थापना
गुरुवार को व्हाइट हाउस में अपनी बातचीत के बाद उन्होंने “बड़े पैमाने पर स्थानीयकरण और संभावित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से” भारत में अमेरिका द्वारा डिजाइन किए गए परमाणु रिएक्टरों पर एक साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया। 21वीं सदी में कोई भी नया अमेरिकी परमाणु रिएक्टर भारतीय धरती पर नहीं आया। इस गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश में दोनों नेताओं ने अब न केवल बड़े रिएक्टरों के निर्माण में बल्कि भारत में उन्नत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के निर्माण में भी रुचि दिखाई है।
पीएम मोदी के कायल हुए ट्रंप
करीब एक घंटे तक चली द्विपक्षीय वार्ता के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पीएम मोदी के बातचीत कौशल की भी प्रशंसा की, जहां व्यापार एजेंडे में शीर्ष पर था। एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि कौन अधिक कठिन नेगोशिएटर है, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “वह (पीएम मोदी) मुझसे कहीं अधिक कठिन नेगोशिएटर (वार्ताकार) हैं और वह मुझसे कहीं बेहतर वार्ताकार हैं। यहां कोई प्रतिस्पर्धा भी नहीं है। “दोनों देशों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में, भारत और अमेरिका ने 2030 तक दोतरफा व्यापार को दोगुना से अधिक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का वादा किया है और दोनों देशों में शुल्कों को कम करने और बाजार पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से द्विपक्षीय व्यापार समझौते की योजना की घोषणा की है।