मुस्लिम देश में बना विराट हिंदू मंदिर, भारत के सबसे अमीर स्वामीनारायण संप्रदाय की कथा जानिए, निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अबू धाबी में स्वामीनारायण संप्रदाय के भव्य मंदिर का उद्घाटन किया। ये मंदिर 27 एकड़ में बना हुआ है और इसे निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। स्वामीनारायण संप्रदाय के दुनियाभर में 3500 से ज्यादा केंद्र हैं।

UAE के अबू धाबी में भव्य हिंदू मंदिर का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये हुए खर्च
मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है, इसकी दीवार पर 3डी प्रिंट भी है

नई दिल्ली: अबू धाबी में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा उद्घाटन किया गया पहला हिंदू मंदिर अपने आप में अद्भुत है। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS)की तरफ से निर्मित इस मंदिर के बनने में करीब 6 साल का वक्त लगा है। 27 एकड़ क्षेत्र में बने इस मंदिर को बनाने में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये मंदिर कई मायनों में अनोका है। इसे शिल्प और स्थापत्य शास्त्रों एवं हिंदू ग्रंथों में उल्लेखित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार भव्य बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। अयोध्या में बने राम मंदिर का निर्माण भी नागर शैली में ही किया गया है।

मंदिर के निर्माण की सारी जानकारी
नागर शैली में बने इस मंदिर की कई खासियत है। 27 एकड़ में बने इस मंदिर के निर्माण में कुल 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
➤मंदिर के कुल 7 शिखर हैं।
➤12 समरान हैं।
➤2 मंडप।
➤410 स्तंभ हैं।
➤ये मंदिर 108 फीट लंबा है।
➤BAPS मंदिर 262 फीट लंबा है।
➤मंदिर की चौड़ाई 180 फीट है।
➤मंदिर के निर्माण के लिए 30 हजार से ज्यादा पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
➤कुल 27 एकड़ का कैंपस है।
➤50 हजार क्यूबिक फीट इटालियन मार्बल का इस्तेमाल किया गया है।
➤1.8 लाख क्यूबिक फीट इंडियन बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
➤मंदिर के निर्माण में कुल 1.8 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है।

मंदिर की खास चीजें
➤मंदिर में ‘वॉल ऑफ हार्मनी’ बनाया गया है। ये UAE में सबसे बड़ा 3डी प्रिटेंड दीवार है। इसके लिए दाऊदी बोहरा समुदाय ने पैसे दिए।
➤ये दुनिया की बेहतरीन मंदिरों में से एक है। मंदिर में पौराणिक और आधुनिक भाषाओं में सौहार्द का संदेश है।
➤मंदिर के 7 शिखरों पर अक्षर पुरुषोत्तम, राधा-कृष्ण, सीता-राम, पार्वती-शंकर, जगन्नाथ, पद्मावती श्रीनिवास और अयप्पा स्वामी की मूर्ति लगी है।
➤मंदिर में हजारों भगवान की आकृति के साथ-साथ गाय, हाथी, बैल, ऊंट, बाज, ओमानी आदि की आकृति दीवारों पर अंकित है।

इंजीनियरिंग का नमूना
➤संयुक्त अरब अमीरात में अत्यधिक तापमान के बावजूद श्रद्धालुओं को गर्मी में भी इन टाइल पर चलने में दिक्कत नहीं होगी। मंदिर में अलौह सामग्री का भी प्रयोग किया गया है।
➤वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है। तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे। यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है तो मंदिर इसका पता लगा लेगा और हम अध्ययन कर सकेंगे।
➤मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए कंक्रीट मिश्रण में 55 प्रतिशत सीमेंट की जगह राख का उपयोग किया गया है।
➤मंदिर निर्माण में परंपरागत सौंदर्य वाली पत्थर संरचनाओं और आधुनिक समय के शिल्प को मिलाते हुए तापमान रोधी सूक्ष्म टाइल्स और कांच के भारी पैनलों का इस्तेमाल किया है। यूएई में अत्यधिक तापमान को देखते हुए ये टाइल्स दर्शनार्थियों के पैदल चलने में सुविधाजनक होंगी।
➤20 हजार टन से अधिक चूना पत्थर के टुकड़ों को राजस्थान में तराशा गया और 700 कंटेनर में अबू धाबी लाया गया।
पीएम मोदी ने की पूजा

कुछ ऐसे पूरा हुआ ये भव्य मंदिर
➤अप्रैल 1997 को प्रमुख स्वामी महाराज ने इस मंदिर के निर्माण की परिकल्पना की।
➤फरवरी 2018 में अबू धाबी के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान की।
➤अप्रैल 2019 में मंदिर का शिलान्यास महंत स्वामी महाराज ने किया।
➤फरवरी 2024 को महंत स्वामी महाराज और पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर का उद्घाटन किया।

क्या है स्वामी नारायण संप्रदाय
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) एक सामाजिक-आध्यात्मिक हिंदू संस्था है जिसकी जड़ें वेदों में हैं। इसकी स्थापना स्वामी श्रीकृष्णानंद स्वामी (1781-1830) ने 18वीं शताब्दी के अंत में की थी और फिर 1907 में शास्त्रीजी महाराज (1865-1951) ने इसे आगे बढ़ाया। यह सीधी-सादी आध्यात्मिकता के सिद्धांतों पर आधारित है। BAPS आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक चुनौतियों को दूर करने का काम करता है। इसकी शक्ति इसकी पवित्रता और उद्देश्य में ही निहित है। बीएपीएस समाज, परिवारों और व्यक्तियों की देखभाल करके दुनिया की देखभाल करता है। BAPS लोगों की सेवा करता है। चाहे उनकी जाति, धर्म, रंग या देश कुछ भी हो। BAPS के दुनियाभर में 3,300 से अधिक केंद्र हैं। इस संस्थान के कामों को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। संयुक्त राष्ट्र भी इसके काम की सराहना करता है। शराब, व्यसन, व्यभिचार, मांसाहार और शरीर-मन की अशुद्धता से दूर रहना – ये उनकी पांच आजीवन प्रतिज्ञाएं हैं।

जाति धर्म से परे है ये संप्रदाय
स्वामी नारायण संप्रदाय जाति, धर्म से खुद को परे रखता है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन उस समय के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। BAPS ने एक मुसलमान को बुलाकर बड़ा संदेश दिया था।

हिंदुत्व का हिस्सा है स्वामीनारायण संप्रदाय
इसमें किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि स्वामीनारायण संप्रदाय हिंदुत्व का हिस्सा है। यहां तक कि अयोध्या में बने राम मंदिर में भी स्वामीनारायण मंदिर के आर्किटेक्चर की छवि दिखती है।

स्वामी नारायण संप्रदाय की खास बातें
➤भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप, मध्य पूर्व में 3,300 केंद्र हैं।
➤हर सप्ताह 7,215 सभाएं होती हैं। इसमें महिला, युवा और बच्चे भी भाग लेते हैं.
➤बच्चों के लिए 5,400 साप्ताहिक सभा होती है।

दुनिया में कितने वॉलंटियर
➤BAPS के दुनियाभर में 55 हजार वॉलंटियर हैं।
➤हर साल ये लोग करीब 1 करोड़ 20 लाख घंटे सेवाएं देते हैं।

सांस्कृतिक गतिविधियां
➤BAPS सलाना 6 लाख 30 हजार सत्संग का आयोजन करता है।
➤भारत, ब्रिटेन, अमेरिका और अफ्रीका में सांस्कृतिक गितिविधियों में करीब 3.4 करोड़ लोग भाग लेते हैं।
➤अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक गतिविधि परीक्षा में 5 लाख 54 हजार 790 छात्रों ने भाग लिया था।

मेडिकल सुविधाएं
➤BAPS 8 अस्पताल और हेल्थकेयर क्लिनिक चलाता है।
➤इन अस्पतालों में हर साल 4 लाख 15 हजार मरीज इलाज करवाते हैं।

शैक्षणिक गतिविधियां
➤BAPS 31 संस्थानों में शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करता है।
➤हर साल करीब 5 हजार स्कॉलरशिप दी जाती है
➤आपदा प्रभावित इलाकों में 55 स्कूल बनाए गए।

पर्यावरण के लिए काम
➤ये संस्था हजारों गांवों में लाखों पेड़-पौधे लगाए हैं।
➤इसके अलावा हजारों गांवों में पानी के बचाव के लिए परियोजनाएं संचालित की जाती हैं।
➤हजारों टन पेपर कलेक्ट करके इसके रिसाइकल किया जाता है।

धार्मिक गतिविधियां
➤दुनियाभर में 700 BAPS मंदिर हैं।
➤हर रोज BAPS मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं।

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