शहर विधायक का कट गया चालान:कई लोगों ने कार पर लगा रखी थी पदनाम की प्लेट, चुकाने पड़ गए पांच सौ रुपए…..
जोधपुर @जागरूक जनता। जोधपुर के पावटा चौराहे पर उप महापौर लिखी प्लेट को पुलिस ने उतार दिया।
यातायात नियमों को धत्ता बता अपने वाहनों के आगे नंबर प्लेट से बड़ी प्लेट लगा अपने पदनाम लिखने वाले रुबाबदार लोगों का रौब गुरुवार को जोधपुर में कुछ हल्का हो गया। मोबाइल मजिस्ट्रेट ने ऐसे वाहनों के जमकर चालान काटे। चालान कटने के दौरान ये रूबाबदार लोग सड़क किनारे खड़े होकर मोबाइल मजिस्ट्रेट के सामने बेबस नजर आए। चालान कटाने वालों में जोधपुर शहर विधायक मनीषा पंवार, नगर निगम उत्तर के उप महापौर अब्दुल करीम जानी के अलावा कुछ जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य व सरपंच तक शामिल थे।
मनीषा पंवार अपनी कार से आज मेडिकल कॉलेज होकर निकल रही थी। उस समय वहां मोबाइल मजिस्ट्रेट हिमांशु कुमावत वाहनों की जांच कर रहे थे। उन्होंने विधायक की कार को भी रोक दिया। मनीषा की कार के आगे नंबर प्लेट के ऊपर विधायक लिखी एक प्लेट और लगी थी। कुमावत ने इसे नियम विरुद्ध पाया। उन्होंने हाथों हाथ पांच सौ रुपए का चालान काट विधायक को थमा दिया। साथ ही उनकी विधायक लिखी प्लेट को भी खोल दिया गया। मनीषा पंवार ने बताया कि न तो उनकी और न ही उनके ड्राइवर को इस नियम के बारे में कोई जानकारी थी। ऐसे में मोबाइल मजिस्ट्रेट की तरफ से नियम बताए जाने पर उन्होंने न केवल चालान अदा किया बल्कि प्लेट भी हटवा दी।
मनीषा पंवार की कार का चालान कटने के एक घंटे बाद पावटा चौराहे पर उप महापौर जानी की कार को यातायात पुलिस ने रोक लिया। कार की नंबर प्लेट के साथ उप महापौर लिखी एक अतिरिक्त प्लेट भी लगी हुई थी। उन्होंने काफी देर तक पुलिस के साथ तकरार की। पुलिस ने समझाया कि ऐसा कोई नियम नहीं है। यदि किसी नियम के तहत उन्हें यह प्लेट लगाने की अनुमति है तो इस नियम की जानकारी से अवगत कराए। इस दौरान किसी ने जानी को समझाया कि शहर विधायक मनीषा पंवार का भी इसी कारण से चालान कटा है। इस पर वे चुप हो गए और चालान कटवा कर कार में जा बैठे।
आज मोबाइल मजिस्ट्रेट ने जिला परिषद सदस्य, सरपंच नगर पालिका चेयरमैन पिंडवाड़ा, पंचायत समिति सदस्य बावड़ी सहित कई रुबावदार लोगों के चालान काटे और प्लेटे उतरवा दी। उल्लेखनीय है कि यातायात नियमों के अनुसार कार की नंबर प्लेट के अतिरिक्त किसी भी तरह के पदनाम की प्लेट लिखवाने पर यातायात पुलिस चालान काट सकती है। यह दीगर बात है कि अमूमन यातायात पुलिस ऐसा नहीं करती, लेकिन आज मोबाइल मजिस्ट्रेट के एक्शन में आने के कारण चालान काटने पड़े।