यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए एनएमसी ने जारी किया सर्कुलर, देश मे ही कर सकेंगे इंटर्नशिप..

नई दिल्ली । रूस-यूक्रेन वार के कारण मेडिकल की पढ़ाई बीच मे छोड़कर यूक्रेन से वापस आने वाले छात्र अब भारत में ही अपनी एक साल की इंटर्नशिप को पूरा कर सकते हैं। यह राहत नेशनल मेडिकल कमीशन ने दी है एनएमसी कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा जारी एक सर्कुलर में कोरोना महामारी या युद्ध के समय चीजें काबू में न रहने का हवाला दिया गया है। अधिक जानकारी के लिए छात्र  nmc.org.in पर जाकर इसे पढ़ सकते हैं। 

एनएमसी ने बताया है कि कई मेडिकल ग्रेजुएट छात्र रूस-यूक्रेन जंग के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए हैं। इन छात्रों की परेशानी को देखते हुए उनके भारत में इंटर्नशिप के आवेदन को योग्य माना जाएगा। इससे उन सैकड़ों छात्रों को राहत मिलेगी जो इस संकट के कारण अपने पाठ्यक्रम को अधूरा छोड़ कर वापस भारत आ गए हैं। 

पास करनी होगी एफएमजीई परीक्षा
एनएमसी ने आगे बताया कि राज्य की परिषद इस बात का ध्यान रखेगी कि यूक्रेन से भारत आए छात्रों ने एनबीई की ओर से आयोजित एफएमजीई परीक्षा को पास किया हो। अगर छात्र सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं तो उन्हें राज्य चिकित्सा परिषद की ओर से 12 महीने की इंटर्नशिप के लिए अंतरिम पंजीकरण दिया जाएगा। एनएमसी ने आगे बताया कि राज्य परिषदें इस बात का भी ध्यान रखेगी कि छात्रों से इंटर्नशिप पूरी करने के लिए कॉलेज की ओर से कोई भी शुल्क न लिया जाए। सर्कुलर में बताया गया है कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट को मिलने वाले स्टाइपेंड को भी भारत के सरकारी कॉलेज के मेडिकल छात्रों के बराबर किया जाएगा।  

जानें एफएमजीई परीक्षा के बारे में
एफएमजीई परीक्षा का पूरा नाम फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन है। इसका आयोजन एनबीई (National Examination Board) करता है। परीक्षा को हर साल दो बार जून और दिसंबर के महीने में आयोजित किया जाता है। जो भी छात्र विदेशी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, उन्हें भारत में उच्च शिक्षा और डॉक्टरी (प्रैक्टिसिंग) के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है। परीक्षा में सफल होने के लिए छात्रों को न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाने होते हैं। इसके बाद छात्रों को स्थाई पंजीकरण प्रदान किया जाता है। 

सरकार ने किया था उपाय निकालने का अनुरोध
हाल ही में केंद्र सरकार ने यूक्रेन से पढ़ाई को अधूरा छोड़कर वापस लौटे मेडिकल छात्रों की इंटर्नशिप के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और नीति आयोग (NITI Aayog) को एफएमजीएल (Foreign Medical Graduate Licentiate) एक्ट-2021 में राहत और मदद देने की संभावनाएं तलाशने को कहा था। इसके बाद एनएमसी की ओर से यह सर्कुलर जारी किया गया है। 

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