-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता । जिले में कोविड टीकाकरण अभियान युद्धस्तर पर जारी है,जंहा प्रदेश में बीकानेर जिले को ऊंचे पायदान पर पहुंचाने के लिए अगर आंकड़ो में गोलमाल करना पड़े तो स्वास्थ्य विभाग के लिए कोई बड़ी बात नही है। कुछ ऐसा ही गड़बड़- झाला जिले के श्रीडूंगरगढ़ तहसील के माणकरासर गांव से सामने आया है जंहा एक युवती को दूसरी डोज लगाये बिना ही मोबाईल पर मैसेज आया कि आपने दूसरी डोज सफलतापूर्वक लगा ली है, आप इस लिंक पर क्लिक करके सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है ।
माणकरासर गांव निवासी 18 वर्षीय रंजना के चाचा श्रवणराम सारस्वत ने जागरूक जनता से बातचीत में बताया कि रंजना ने बीते माह की 8 जनवरी को कोवेक्सीन की डोज ली थी। जिसके 36 दिन बाद 12 फरवरी 2022 को रजिस्टर्ड मोबाईल पर मैसेज आया कि आपने कोवेक्सीन की दूसरी डोज सफलतापूर्वक लगा ली है। रंजना के चाचा ने बताया इस मैसेज के आने के बाद परिवार के सभी सदस्य आश्चर्य में पड़ गए कि दूसरी डोज लगाई ही नही जबकि सफलतापूर्वक डोज लगाने की पुष्टि मैसेज में कर दी गई । ऐसे में उन्होंने इस मैसेज की सत्यता जांचने के लिए दिए गए लिंक पर जाकर सर्टिफिकेट डाऊनलोड किया तो उसमें कोवेक्सीन की पहली डोज 8 जनवरी 2022 व दूसरी डोज 12 फरवरी 2022 दर्शायी गई थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस लापरवाही पर कब अंकुश लगेगा। क्या विभाग टीकाकरण का टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है?? अगर नही तो स्वास्थ्य विभाग के मुखिया से अपील है कि इस लापरवाही को गंभीरता से लेवें, और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कड़ा एक्शन ले ताकि विभाग की नाक बार बार कटने से बचाई जा सके।
बता दे, इस तरह का गड़बड़झाले का यह पहला मामला नही है वरन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी क्योंकि इस मामले में जिंदा व्यक्ति को डोज लगाने का फर्जीवाड़ा किया है वरना यह तो मरे हुए इंसान को भी नही छोड़ते ओर उसे ना जाने कंहा से ढूंढकर कोरोना से बचाव का टीका लगा देते है ।
यह मामला आपके (जागरूक जनता) के माध्यम से पता चला है, इसमे सॉफ्टवेयर से जुड़ी तकनीकी खामी हो सकती है, जिसकी जांच करवाकर इन त्रुटियों को सुधारा जाएगा, जिसके सन्दर्भ में सॉफ्टवेयर इंजीनियर व विभाग को सूचित कर इस समस्या को हल किया जाएगा।
डॉ.बी एल मीणा, मुख्य चिकित्सा एंव जिला स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर
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