सजा के खिलाफ अपील कर सकेंगे पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव


पाकिस्तान में कुलभूषण की अपील का रास्ता खुला; संसद ने बिल को मंजूरी दी, पर सीनेट की मंजूरी भी जरूरी

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव जल्द ही सजा-ए-मौत के फैसले के खिलाफ अपील कर सकेंगे। 4 साल पहले जासूसी के आरोप में उन्हें मिलिट्री कोर्ट ने यह सजा सुनाई थी। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने ‘इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (रिव्यू एंड री-कन्सीडरेशन) ऑर्डिनेंस 2020’ को मंजूर कर लिया।

इस बिल के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में सजायाफ्ता विदेशी कैदी (जिन्हें मिलिट्री कोर्ट्स ने सजा सुनाई है) ऊपरी अदालतों में अपील कर सकेंगे। ‘समा न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कानून मंत्री फरोग नसीम ने यह बिल संसद में पेश किया। अब यह बिल सीनेट के पास जाएगा। अगर वहां से मंजूरी मिलती है तो राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद यह कानून बन जाएगा।

क्या फायदा होगा
अब तक पाकिस्तानी जेलों में बंद विदेशी कैदी जिन्हें सैन्य अदालतों ने सजा सुनाई है, इस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अपील नहीं कर पाते थे। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई करते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने पाकिस्तान से इस मामले में सुधार करने को कहा था ताकि दूसरे देशों के नागरिकों के इंसाफ मिल सके।

जाधव के मामले में क्या मुमकिन
अगर नए बिल को सीनेट भी पास कर देती है तो यह कानून बन जाएगा। इसके बाद जाधव मिलिट्री कोर्ट के फैसले को हायर सिविल कोर्ट में चैलेंज कर सकेंगे। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव RAW के एजेंट हैं और उन्हें बलूचिस्तान से 2016 में गिरफ्तार किया गया था। वहीं भारत का दावा है कि जाधव इंडियन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वे कारोबार के सिलसिले में ईरान गए थे।

उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने वहीं से अगवा किया था। मिलिट्री कोर्ट ने 2017 में जाधव को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया था। भारत ने इसे ICJ में चैलेंज किया। तब से यह मामला पेंडिंग है। आईसीजे ने सजा पर रोक लगा दी थी। साथ ही उन्हें काउंसलर एक्सेस देने को भी कहा था।

डोभाल ने की थी रिहाई की कोशिश
ICJ में जाधव की पैरवी के लिए भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए थे। पिछले साल उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था- जाधव की रिहाई के लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान से ‘बैक डोर’ बातचीत की थी।

एनएसए अजीत डोभाल ने खुद पाकिस्तान के तब के एनएसए नासिर खान जंजुआ से इसके लिए बात की थी। हालांकि यह बातचीत बेनतीजा रही। हमें उम्मीद थी कि पाकिस्तान से ‘बैक डोर’ बातचीत करने पर हम उन्हें मना लेंगे। हम मानवीय आधार पर जाधव की रिहाई की बात कर रहे थे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पाकिस्तान ने कुलभूषण का मामला अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया है।


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

महामारी आपदा के दौरान गरीब के लिए पुलिस व प्रशासन का डंडा और राजनीतिक लीगो के लिए खुली छूट -धाभाई

Fri Jun 11 , 2021
जागरूक जनता नेटवर्कजयपुर। समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने आज मेल द्वारा राजस्थान के महामहिम राज्यपाल महोदय कलराज मिश्र को एक मेल भेजकर आज राजनीतिक लोगो द्वारा माहमारी आपदा के दौरान सोशल डिस्टनसिंग के धज्जियां तोड़ने के लिए इन सभी […]

You May Like

Breaking News