बीकानेर@जागरूक जनता। बीकानेर की अनाज मंडियों में मूंगफली फसल की आवक शुरू हो गई है । लेकिन मंडियों में आने वाली मूंगफली फसल की ढेरियों में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां भी देखने को मिलती है जिससे खरीददार मिलर को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है । जिसको लेकर मूंगफली दाना मिल एसोसिएशन बीकानेर की मीटिंग मंगलवार को बीछवाल उद्योग संघ में रखी गई । मीटिंग की अध्यक्षता एशोसिएशन के अध्यक्ष बालेश कुकणा ने की । मींटिंग में एसोसिएशन के पदाधिकारीयों एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने भाग लिया । मीटिंग में आगामी मूँगफली सीज़न के संदर्भ में विचार विमर्श रखे गये।
सचिव गोविंद पारीक ने बताया कि मीटिंग में नई अनाज मंडी व ऊन मंडी (गौण मंडी) में जो मूंगफली की ढेरियाँ आती है उसमे लकड़ी,पत्थर व गीली मूंगफली की शिकायत आती है, अतः इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाने बहुत ज़रूरी है । गीले माल की वजह से मूँगफली में अफ्लोटोक्सीन (फ़ंगस) बढ़ जाता है जिससे कि मूँगफली दाने की गुणवता प्रभावित होती है और व्यापारी को अपनी क़िस्म का वाजिब दाम नहीं मिल पाता और ना ही वो निर्यात नीयमो की शर्तों का पालन कर पाता है जिससे उसे आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ता है। और इस ख़राब गुणवता की वजह से किसान को भी अपनी उपज का वास्तविक मूल्य नहीं मिल पाता और उसे भी आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ता है ।क्योंकि गीला माल बाज़ार में कम दाम में बिकता है।
सचिव ने इस सम्बंध में कच्ची आढ़त व्यापार संघ को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया है । एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सभी किसान भाईयों से अपील की है कि वे अपनी मूँगफली सुखा कर के व साफ करके ही लाए जिससे आपको मुंगफली की सही कीमत मिल सके।
बीकानेर मूंगफली दाना मिल एसोसिएशन कि मीटिंग में अध्यक्ष बालेश कूकणा सचिव गोविंद पारीक,राजेश जिंदल ,अभिषेक अग्रवाल, सुल्तान डूडी,जगदीश लेघा, जयचंद सेठिया,रामस्वरूप गोदारा,शेखर खत्री,दीपक अग्रवाल,कन्हैया लाल जाखड़,अजय सेठिया,संजय बाफना,बलदेव सारस्वत व समस्त कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए।
उल्लेखनीय है, बीकानेर की मूंगफली का टेस्ट विश्वभर में प्रख्यात है, विदेशों में इसकी बहुत डिमांड रहती है । दाना मिलर बीकानेर से साबुत मूंगफली व इसका दाना देश मे गुजरात,महाराष्ट्र बंगाल,तमिलनाडु सहित दूसरे देशों में निर्यात करते है ।