यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम
अजमेर। अजमेर जिलें में ब्यावर के पिपलिया बाजार में रहने वाली आलिशा बाफना उर्फ गुड़िया ने चावल के एक दाने पर हिंदी और पंजाबी में सिख धर्म का मूल मंत्र ‘एक ओंकार’ लिख कर रिकॉर्ड बना दिया है। महावीर प्रसाद बाफना की 24 वर्षीय पुत्री आलिशा का नाम यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है।
आलिशा ने पहले 10 मिनट 20 सेंकड के रिकॉर्ड समय में चावल के एक दाने पर हिंदी में एक ओंकार लिखा। इस दौरान उनके मन में आया कि मूल मंत्र पंजाबी में है। इस कारण उन्होंने मूल मंत्र को उसकी मूल भाषा में लिखने का तय किया। 20 मिनट में पंजाबी भाषा में मूल मंत्र के 61 शब्द को लिख दिया।
गौरतलब है कि महज 24 साल की उम्र में आलिशा ने कई कीर्तिमान अपने नाम कर लिए हैं। इससे पूर्व आलिशा ने चावल के दाने पर महामृत्युंजय मंत्र, नवकार महामंत्र समेत अन्य कई मंत्र और नाम लिख चुकी है।
गुरुजनों की प्रेरणा
आलिशा ने बताया कि जयगच्छाधिपति जैन संत आचार्य पार्श्वचंद्र महाराज ने डॉ. पदमचंद्र महाराज के प्रवचन लिखने के दौरान उनके कॉपी में कम जगह पर ज्यादा अक्षर लिखने की प्रतिभा को देखा। गुरुदेव ने उनसे कहा कि चावल के दाने पर लिखने का प्रयास करें। इस पर परिवार के सदस्यों ने भी प्रेरित किया। फिर चावल के दाने पर अपनी प्रतिभा को निखारने का प्रयास शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे आलिशा इतनी पारंगत हो गई कि अब चने के एक दाने पर उन्होंने रिकॉर्ड 68 अक्षर तक लिख रखे हैं। उन्होंने बताया कि चावल के दाने पर कुछ भी उकेरना इतना आसान नहीं। चावल के दाने पर कुछ भी उकेरने के लिए सबसे पहले तो सांस रोकने की क्षमता बढ़ानी होती है। कम से कम 45 सेकंड से डेढ़ मिनट तक सांस रोकने की क्षमता विकसित करनी होती है, वह भी पूरी एकाग्रता के साथ। मामूली सी एक चूक पूरी मेहनत पर पानी फिर देती है।
पहली बार लिखी पंजाबी भाषा
आलिशा की यह उपलब्धि और भी अधिक महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि आलिशा ने इससे पहले पंजाबी भाषा कभी नहीं लिखी। ऐसे में पहली बार पंजाबी भाषा में सिख समाज के मूल मंत्र को लिखने में उन्हें 20 मिनट का समय लगा। इससे पूर्व आलिशा चावल के दाने पर नवकार महामंत्र महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, गणेश मंत्र और गुरू स्तुति मंत्र लिख चुकी है।