US ने माना मानव तस्करी, जांच शुरू
काबुल/वॉशिंगटन। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद दुनिया को सबसे ज्यादा फिक्र वहां की महिलाओं और लड़कियों की है। हालात कितने भयावह हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपनी लड़कियों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए कई पेरेंट्स ने उनकी शादी काबुल एयरपोर्ट के बाहर ही करा दी थी। इसकी वजह यह थी कि कहीं ये लड़कियां तालिबान के दहशतगर्दों के हाथों में न पड़ जाएं। ये घटनाएं 30 अगस्त के पहले की हैं।
अब इस मामले की जानकारी अमेरिकी एडमिनस्ट्रेशन को मिल चुकी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गृह और रक्षा मंत्रालय को इन घटनाओं की तफ्सील से जानकारी देते हुए उन्हें अलर्ट पर रहने को कहा है। मामले की जांच भी शुरू हो चुकी है।
मानव तस्करी का मामला
CNN ने अमेरिकी अफसरों के हवाले से इस मामले का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट मुताबिक, यह सीधे तौर पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग, यानी मानव तस्करी का मामला है। हां, ये बात अलग है कि अफगान पेरेंट्स या लड़कियों ने यह कदम बेहद मजबूरी और तालिबानी जुल्म के इतिहास को देखते हुए उठाया।
खुद लड़कियों ने ही खुलासा किया
मामला UAE में सामने आया। दरअसल, अफगानिस्तान से निकाले गए ज्यादातर लोगों को अमेरिका ने दूसरे देशों में स्थित रिफ्यूजी कैम्प्स में रखा है। यहां कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद इन्हें अलग-अलग देशों और अमेरिका में भेजा जाएगा। इसके बाद नियमों के तहत रिफ्यूजी या नागरिक का दर्जा दिया जाएगा। UAE में जांच के दौरान कुछ लड़कियों ने अमेरिकी अफसरों को बताया कि उनके पेरेंट्स ने काबुल एयरपोर्ट के बाहर ही आनन-फानन में उनकी जबरदस्ती शादी करा दी। इन लड़कियों के मुताबिक, उनके पेरेंट्स नहीं चाहते थे कि वे तालिबानी हुकूमत के दौरान मुल्क में रहें, क्योंकि वे तालिबानियों के जुल्म का शिकार हो सकती हैं।
लड़कों को पैसे भी दिए
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ मामले तो और भी हैरान करने वाले हैं। इनमें लड़कियों के मां-बाप या परिवार ने एयरपोर्ट के बाहर ऐसे लोगों या लड़कों को तलाशा जिनके पास मुल्क छोड़ने के ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स थे। पेरेंट्स ने इन लोगों को मोटी रकम दी, ताकि वे उनकी बेटियों से निकाह कर लें और इस तरह लड़कियां देश से निकल जाएं। कुछ मामलों में तो लड़कों ने रकम लेकर इन लड़कियों को पत्नी बताया और फिर अफगानिस्तान से बाहर पहुंचा दिया।
अब अमेरिका अलर्ट
UAE में मौजूद अमेरिकी अफसरों ने इन मामलों की जानकारी विदेश मंत्रालय को दी। स्टेट डिपार्टमेंट ने होमलैंड सिक्योरिटी और डिफेंस डिपार्टमेंट को मामले की जांच करने के साथ ही अलर्ट रहने को कहा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के कितने मामले सामने आए, इसके आंकड़े मौजूद नहीं हैं। हालांकि, UAE में मौजूद अमेरिकी डिप्लोमैट्स अब गहरी छानबीन कर रहे हैं। इन लड़कियों की पहचान की जा रही है, क्योंकि ये मानव तस्करी के मामले हैं।
आखिर ये सब क्यों हुआ
तालिबान पहली बार 1996 से 2001 के बीच सत्ता में रहे। इस दौरान अगर सबसे ज्यादा उनके जुल्म-ओ-सितम का कोई शिकार बना तो वो महिलाएं और लड़कियां ही थीं। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए। ‘शटलकॉक’ बुर्का पहनना होता था और घर से बाहर निकलने के लिए भी किसी पुरुष रिश्तेदार का साथ जरूरी था। कई लड़कियों से तालिबानियों ने जबरदस्ती निकाह कर लिया। हालांकि, इस बार तालिबान महिलाओं को शरियत के हिसाब से हक देने का वादा कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि अफगान लोगों को उनकी बात पर भरोसा नहीं है।