नई दिल्ली @ jagruk janta। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुलिस अधिकारी एक भारत श्रेष्ठ भारत के ध्वजवाहक हैं, इसलिए उनके हर कार्य में राष्ट्र प्रथम की भावना परिलक्षित होनी चाहिए।
श्री मोदी ने हैदराबाद पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए आज कहा, ” आपको हमेशा ये याद रखना है कि आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक है। इसलिए, आपके हर एक्शन, आपकी हर गतिविधि में राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना रिफ्लेक्ट होनी चाहिए।”
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वह ऐसे समय पर पुलिस सेवा से जुड़ रहे हैं, जब देश में हर क्षेत्र और हर स्तर पर बदलाव की लहर चल रही है। उन्होंने कहा,” आपके करियर के आने वाले 25 साल, भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं। इसलिए आपकी तैयारी, आपकी मनोदशा, इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।”
स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,” 1930 से 1947 के बीच देश में जो ज्वार उठा, जिस तरह देश के युवा आगे बढ़कर आए, एक लक्ष्य के लिए एकजुट होकर पूरी युवा पीढ़ी जुट गई, आज वही मनोभाव आपके भीतर अपेक्षित है। उस समय देश के लोग स्वराज्य के लिए लड़े थे। आज आपको सुराज्य के लिए आगे बढ़ना है। इस साल की 15 अगस्त की तारीख, अपने साथ आजादी की 75वीं वर्षगांठ लेकर आ रही है।”
मोदी ने कहा कि बीते 75 सालों में देश ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है। पुलिस ट्रेनिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में भी हाल के वर्षों में बहुत सुधार हुआ है।अधिकारियों को राष्ट्र निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,” आपकी सेवाएं देश के अलग-अलग जिलों में होगी, शहरों में होगी। इसलिए आपको एक मंत्र याद रखना है। फील्ड में रहते हुए आप जो भी फैसले लें, उसमें देशहित होना चाहिए, राष्ट्रीय परिपेक्ष्य होना चाहिए।”
मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पुलिसकर्मियों ने, देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। इस प्रयास में कई पुलिस कर्मियों को अपने प्राणों ही आहूति तक देनी पड़ी है। ” मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और देश की तरफ से उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। “
पड़ोसी देशों के साथ मिलकर चलने की भारत की नीति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,” भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो, मॉरीशस हो, हम सभी सिर्फ पड़ोसी ही नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच और सामाजिक तानेबाने में भी बहुत समानता है।हम सभी सुख-दुख के साथी हैं। जब भी कोई आपदा आती है, विपत्ति आती है, तो सबसे पहले हम ही एक दूसरे की मदद करते हैं।”