समग्र शिक्षा अभियान की जिला रैंकिंग में बीकानेर ‘टाॅप टेन’ में
बीकानेर@जागरूक जनता। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा हाल ही में जारी जिला रैकिंग में बीकानेर ने प्रदेश के ‘टाॅप टेन’ जिलों में स्थान हासिल किया है। कोरोना काल से पूर्व जिला इस रैकिंग में 18वें नंबर पर था, जबकि अब इसमें आठ स्थानों का सुधार हुआ है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेवराम धोजक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक में अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (समग्र शिक्षा) हेतराम सारण ने यह जानकारी दी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर धोजक ने कोरोना काल में विद्यालयों के बंद रहते विद्यार्थियों की शिक्षण व्यवस्था के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए कि आओ घर से सीखें, शिक्षा दर्शन, शिक्षावाणी, ई-कक्षा, मिशन समर्थ आदि कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के अध्ययन-अध्यापन की नियमित माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने विद्यार्थियों को घर पर डिजिटल माध्यम से स्टडी मेटिरियल देने की समीक्षा की और निर्देश दिए कि सभी विद्यार्थियों तक स्टडी मेटिरियल पहुंचना सुनिश्चित किया जाए। विद्युत कनेक्शन से वंचित विद्यालयों में कनेक्शन करवाना सुनिश्चित किया जाए। समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में कक्षा-कक्षों व अन्य निर्माण कार्यों की समीक्षा की और निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में गुणवत्तापूर्वक पूरे होने चाहिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच भी की जाए।
धोजक ने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि पालनहार के पात्र विद्यार्थियों को इस योजना से जोड़ा जाए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी.पंवार ने बताया कि जिले में 6 हजार 991 विधवा पेंसनर्स में से 3 हजार 124 महिला पालनहार से जुड़ी है। शेष 3 हजार 867 विधवा की पालनहार पात्रता की जांच करते हुए, पात्र महिलाओं को इससे जोड़ा जाए। विद्यालय के संस्था प्रधान ऐसे बच्चों की सूची उपलब्ध करवाएं।
*सभी स्कूलों में एक साथ हो पौधारोपण*
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राज कुमार शर्मा ने जिले की स्कूलों में पौधा रोपण कार्यक्रम की जानकारी दी और कहा कि जिला कलक्टर के निर्देश पर सभी स्कूलों में एक साथ पौधारोपण किया जाना है। जिले की स्कूलों में 48 हजार पौधे लगाए जाने हैं। उन्होंने ब्लाॅक मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में आदेश मिलने पर सभी विद्यालयों में एक साथ पौधारोपण हो। उन्होंने कहा कि विद्यालय खुलने पर प्रत्येक विद्यार्थी को एक-एक पौधा दिया जायेगा और इसकी सार-संभाल भी वही करेगा।
बैठक में अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (समग्र शिक्षा) हेतराम सारण ने जिला परिषद के माध्यम से टाॅयलेट विहीन विद्यालयों में शौचालय निर्माण, विद्यालयों की चारदीवारी निर्माण, खेल मैदान बनाए जाने की आवश्यकता जताई। इस पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने निर्देश दिए संस्था प्रधान इस संबंध में अपनी ग्राम पंचायत के माध्यम से जिला परिषद को प्रस्ताव भिजवाएं।
*घर-घर औषधि योजना*
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर औषधी पौधों का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से इन पौधों का वितरण होना है। संबंधित ब्लाॅक मुख्य शिक्षा अधिकारी अपने-अपने ब्लाॅक में औषधीय पौधों के वितरण की प्लानिंग करंे। इसके लिए उन्होंने ग्राम पंचायत स्तरीय समिति के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग की नजदीक की नर्सरी से पौधे प्राप्त कर, इनका वितरण करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए। सभी ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत के कार्मिक, वन विभाग के कार्मिक इस संबंध में कार्यवाही करेंगे।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चैधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी.पंवार, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राजकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा दयाशंकर अड़ावतिया, साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी, एसीपी कैलाश बड़गुजर सहित जिले के ब्लाॅक मुख्य शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।