- राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा, राजस्थान में कोरोना की गति को रोकने में पुलिस की बड़ी भूमिका रही
- सीएम गहलोत ने राज्यपाल मिश्र की जमकर तारीफ की,बदले में राज्यपाल ने गहलोत को गतिशील व्यक्तित्व का धनी बताया
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि ब्रिटिश सरकार पुलिस का इस्तेमाल लोगों का दमन करने में करती रही, इसलिए पुलिस की छवि आरंभ से खराब रही है। यह छवि अब भी चली आ रही है। इस छवि को बदलने की आवश्यकता है। कोरोना की गति को रोकने में पुलिस ने बड़ी भूमिका निभाई है। राजस्थान के पुलिस अफसरों—पुलिसकर्मियों,कर्मचारियो की भूमिका की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। यह काम मन की आंतरिक अनुभूति की वजह से हुआ है, यह आंतरिक अनुभूति आगे भी बनाई रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा, कोविड जागरूकता अभियान से लेकर लोगों की मदद करने तक पुलिस ने विशेष भूमिका निभाई है। पुलिस की इस छवि का प्रचार-प्रसार हो। पुलिस विश्वविद्यालय पुलिस की छवि सुधारने का अभियान चलाए। राज्यपाल सदार पटेल पुलिस, सुरक्षा व दांडिक न्याय विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के वर्चुअल समारोह को संबोधित कर रहे थे।
साइबर अपराध आज सबसे बड़ी चुनौती, मानव व्यवहार प्रबंधन पर भी कोर्स शुरु हो
राज्यपाल ने सुझाव मानव व्यवहार प्रबंधन पर विशेष दक्षता के पाठ्यक्रम चलाने का सुझाव दिया। राज्यपाल ने कहा, सबसे बड़ी चुनौती साइबर अपराधों से बचाने की है। साइबर अपरोधों की रोकथाम के लिए गहनतम शिक्षण— प्रशिक्षण की नई तकनीक का उपयोग जरूरी हो गया है। अपराधी डिजिटल करेंसी का लाभ उठा रहे हैं, साइबर मनी लॉन्ड्रिंग का नया दौर शुरु हो गया है। डार्क नेट के जरिए साइबर अपराधी नशे से लेकर हर तरह के अवैध काम कर रहे हैं। साइबर अपराध, संगठित अपराध, आपदा प्रबंधन के एक्सपर्ट को बुलाया जाए। विश्वविद्यालय में सेंटर फोर स्टडी आॅन यूएन खोला जा रहा है, इससे संयुक्त राष्ट्र की काय्रप्रणाली को समझने में मदद मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र में करियर तलाशने वाले अफसरो के लिए प्रशिक्षण मिल सकेगा।
सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल की तारीफ की, कहा, आप पहले राज्यपाल हैं जिन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढवाने की शुरुआत की, इसके लिए आप साधुवाद के पात्र
राज्यपाल ने कार्यक्रम की शुरुआत में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया। सीएम अशोक गहलोत ने अपने भाषण में राज्यपउल की जमकर तारीफ की। राज्यपाल ने भी सीएम को गतिशील व्यक्तित्व का धनी कहकर संबोधित किया। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान की मूल भावना को आत्मसात करने की आवश्यकता है। खुशी तब होती है जब राज्यपाल संविधान की मूल भावना को देखते हुए हर कार्यक्रम की शुरुआत में संविधान की प्रस्तावना पढ़वाते हैं, इस शुरुआत के लिए राज्यपाल साधुवाद के पात्र हैं।आप पहले राज्यपाल हैं जिन्होंने यह शुरुआत की है। हमें संविधान की मूल भावना को आत्मसात करना चाहिए, यही हमारी खूबी होनी चाहिए। जो संविधान की शपथ लेता है उसका यह मूल दायित्व है कि वह इसे निभाएं।
यह पहला मौका नहीं है जब सीएम और राज्यपाल ने एकदूसरे की तारीफ की हो, वर्चुअल कार्यक्रमों में कई बार राज्यपाल और सीएम एक दूसरे की तारीफ कर चुके हैं।