हलोत सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर काउंट डाउन शुरू हो चुका है
जयपुर। गहलोत सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर काउंट डाउन शुरू हो चुका है।प्रदेश प्रभारी अजय माकन इस पूरी कवायद को लेकर एक बार फिर से कल जयपुर आ रहे है। वे दो दिन तक कांग्रेस विधायकों से रायशुमारी कर जानेंगे कि कौनसा मंत्री कैसा काम कर रहा है। संगठन की कितनी सुनवाई होती है। साथ ही जिला अध्यक्षों और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी माकन उनसे राय जानेंगे। इसके बाद आगे का स्वरूप तैयार होगा।
विधायकों के 50 — 50 के ग्रुप बनाए
सूत्रों के अनुसार विधायकों को अजय माकन से मिलवाने की जिम्मेदारी सरकार मुख्य सचेतक महेश जोशी को दी गई है। वे 50— 50 के ग्रुप में विधायकों को माकन से मिलवाने का काम करेंगे। इसके लिए सूची तैयार कर ली गई है। वैसे अभी तक ये मेल मुलाकात का कार्यक्रम विधानसभा में किया जाना है लेकिन अंतिम समय में जगह बदली जा सकती है।
इन मसलों पर करेंगे बात
विधायकों से वन टू वन के दौरान राजनीतिक मसलों को लेकर बात होगी। इनमें मंत्रियों की परफार्मेंस को लेकर विधायकों से पूछा जाएगा। इसके साथ ही संगठनात्मक और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी उनकी राय जानी जाएगी। माकन कांग्रेस को मजबूत करने के सुझाव भी लेंगे। साथ ही आगामी कार्यक्रमों को लेकर भी बातचीत होगी। सभी विधायक आज जयपुर पहुंच जाएंगे और उन्हें अलग अलग समय पर बुलाने के लिए फोन किया जाएगा। प्रभारी अजय माकन ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वे 28 और 29 को विधायकों से संगठन जिला अध्यक्षों, राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर राय शुमारी करेंगे। माकन ने ये भी कहा था कि मंत्रिमण्डल फेरबदल व राजनीतिक नियुक्तियों को अभी कोई डेट लाइन नही दी जा सकती हैं। माकन ने कहा कि सब नेताओं ने आलाकमान पर भरोसा जताया हैं। किसी में कोई विरोधाभास नही है।
दो दिन तक हुआ चिंतन— मंथन
कांग्रेस के संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने अपने दौरे के दौरान मंत्रिमण्डल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन के पदों को लेकर सीएम अशोक गहलोत से गहन विचार मंथन किया था। मंत्रिमण्डल फेरबदल को लेकर मंत्रियों के नामों और हटाए जाने वाले मंत्रियों को लेकर बात हुई थी। अब दो दिन के संवाद के बाद माकन अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट में सारे बिंदुओं का समावेश किया जाएगा। साथ ही विधायकों की भावनाएं, मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड की भी समीक्षा होगी। सूत्रों के अनुसार दोनों नेता एक फार्मूला लेकर आए थे। इसमें पायलट गुट के विधायकों को मंत्री पद देने और राजनीतिक नियुक्तियों में भागीदारी को लेकर बातचीत हुई थी। पायलट गुट अपने कोटे में छह मंत्री बनाना चाह रहा है,लेकिन गहलोत गुट इस पर तैयार नहीं हैं वे यह तक्र दे रहे है कि उन्हें निर्दलीयों में से दो या तीन और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों में से दो मंत्री बनाना है।